यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो सोशल मीडिया)
UP CM Fellow Scheme: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश लगातार विकास की ओर बढ़ रहा है. राज्य में लागू होने वाली योजनाएं,नीति आयोग को भी भा रही हैं. इसलिए अब आयोग ने सीएम फेलो योजना को पूरे देश में लागू करने का मन बना लिया है. इस तरह से यूपी की तर्ज पर यह योजना पूरे देश में लागू होगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा. बता दें कि यह योजना यूपी के आकांक्षात्मक ब्लॉकों की निगरानी और नियोजन के लिए शुरू की गई थी.
500 पिछड़े ब्लाकों का किया गया चयन
इस योजना के तर्ज पर पूरे देश में 500 पिछड़े ब्लॉकों का चयन किया गया है, जिसमें से यूपी के 68 ब्लॉकों को भी शामिल किया गया है. अब आयोग इस योजना के तहत इन सभी ब्लॉकों में फेलो नियुक्त करेगा जो केंद्र सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे. इस सम्बंध में आयोग ने सभी राज्यों को पत्र लिख दिया है और इसमें फेलो की नियुक्ति के निर्देश भी दे दिए हैं.
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ये नाम होगा फेलो का
बता दें कि नीति आयोग ने देश के 500 ब्लॉकों में तैनाती पाने वाले फेलो का नाम एस्पिरेशनल ब्लॉक डेवलपमेंट फेलो रखने की योजना बनाई है. इन सभी फेलो को जिलाधिकारी के नेतृत्व में काम करना होगा. जिस तरह से यूपी सरकार के लिए फेलो काम कर रहे हैं ठीक उसी तरह से नीति आयोग के ये फेलो केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे.
नियुक्त फेलो को ये रिपोर्ट भी देनी होगी कि वास्तविक लाभार्थी ही योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं या नहीं. इनका कार्यकाल एक साल का होगा, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर कार्यकाल को आगे बढ़ाया भी जा सकता है. इन फेलो को 55,000 रुपये महीने सैलरी दी जाएगी. पहले इनकी ट्रेंनिंग होगी और केंद्र की योजनाओं के बारे में इनको बताया जाएगा. इसके बाद इनको ब्लाकों में भेजा जाएगा. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश के 100 पिछड़े ब्लॉकों में नियुक्ति किए गए सीएम फेलो को पहले दो हफ्ते का प्रशिक्षण दिया था, इसके बाद ही जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
यूपी की इन योजनाओं ने पूरे देश में मचाई है धूम
बता दें कि केवल सीएम फेलो योजना ही नहीं बल्कि योगी सरकार ने की एक जनपद एक उत्पाद (ODOP) योजना ने भी पूरे देश में एक अलग पहचान बनाई. 2018 में यह योजना शुरू की गई थी. केंद्र ने इसे अपने बजट में शामिल किया और फिर बाद में रेलवे ने इसकी तर्ज पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना शुरू की. 2020 में सीएम योगी ने आयुष्मान मेला योजना शुरू की थी और फिर बाद में इसी के तर्ज पर पूरे देश में आयुष्मान मेला आयोजित करने का फैसला लिया गया. यूपी की विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने भी पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई और केंद्र ने भी इसी की तर्ज पर अपनी योजना घोषित की है.