ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा
AK Sharma: सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को हटाने या फिर रामचरितमानस को ही प्रतिबंधित करने की मांग उठाई थी. इसके बाद से सपा और भाजपा के बीच जुबानी जंग जारी है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को विधान परिषद में भी इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद योगी सरकार में ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत दी.
रामचरितमानस पर बयानबाज़ी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत देते हुए कहा, “दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, फिर कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों.” एके शर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बातों का जवाब देते हुए कहा, “आप बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं, विधायिका की पूरी बातों को जानते हैं. ऐसे फोरम पर ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए जिससे समाज में विभाजन हो.”
समाज को बांटने की बातें नहीं करनी चाहिए- एके शर्मा
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने कहा, “अगर आप पीएम मोदी और सीएम योगी की इस रणनीति से परेशान हैं कि कैसे पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ चल रहे हैं, कैसे दलित वर्ग के लोगों के साथ आते जा रहे हैं.” उन्होंने कहा, “आइए, मुकाबला हम फील्ड में करेंगे, यहां बैठकर समाज को विभाजित करने की बातें नहीं करनी चाहिए.”
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य करीब एक महीने से रामचरितमानस को लेकर विवादित बयानबाजी कर रहे हैं और वह कुछ चौपाइयों को हटाने या फिर रामचरितमानस को प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं. पिछले दिनों, सदन में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर उठे विवाद पर बयान दिया था.
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सीएम योगी ने भी सपा पर साधा था निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस विवाद पर सपा को घेरते हुए कहा था कि अवधी और बुंदेलखंडी के लिखे शब्द ‘ताड़ना’ और ‘शूद्र’ का गलत मतलब निकाला गया. शूद्र का मतलब श्रमिक से और ताड़ना का अर्थ देखना होता है. तुलसीदास के रामचरितमानस को कुछ लोगों ने फाड़ने का काम किया, यही घटना अगर किसी दूसरे मजहब के साथ हुई होती तो, देखते क्या होता.
-भारत एक्सप्रेस