गिरफ्तारी के बाद पुलिस के साथ फर्जी शिक्षक (फोटो सोशल मीडिया)
UP News: उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षक भर्ती का किस कदर खेल हावी है, इसका ताजा उदाहरण कानपुर देहात से सामने आया है. सरकारी सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुए दो फर्जी शिक्षक 14 साल से बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर नौकरी करते रहे और सैलरी उठाते रहे. इसका किसी को पता ही नहीं लगा. फिलहाल अब इस मामले का खुलासा हो चुका है. इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है तो वहीं जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (BSA) ने दोनों को निलंबित कर बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है.
वहीं इस सम्बंध में खबर सामने आ रही है कि, पुलिस को अन्य जिलों में भी फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने वाले शिक्षकों के सुराग मिले हैं तो वहीं इस बड़ी कार्रवाई के बाद तमाम शिक्षक फरार हो गए हैं. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, झींझक द्वारिकागंज के रहने वाले अनिल कुमार और औरैया जिले के बेला के बेड़ाहार के बृजेंद्र कुमार को बेसिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षक के पद पर 2009 में नौकरी मिली थी और दोनों शिक्षक के पद पर भर्ती हुए थे और इसके बाद लगातार वह नौकरी करते हुए वर्तमान में प्रोन्नत होकर हेड मास्टर भी बन गए. जहां एक ओर झींझक ब्लॉक के मुलई गांव में प्राथमिक विद्यालय में अनिल हेडमास्टर के रूप में तैनात था तो वहीं, बृजेंद्र शाहपुर महेरा में बतौर हेड मास्टर तैनात था. दोनों ने फर्जी शैक्षिक अभिलेखों से इस नौकरी को प्राप्त कर भारी-भरकम सैलरी उठा रहे थे. किसी ने दोनों के फर्जी कागजों पर नौकरी करने की सूचना कानपुर कमिश्ररेट की बर्रा पुलिस को दे दी. इसी के बाद पुलिस ने दोनों को धर दबोचा. इस पूरे मामले को लेकर बर्रा थाना प्रभारी सूर्यबली पांडेय ने मीडिया को जानकारी दी कि, गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था और इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया.
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इस तरह उठा राज से पर्दा
मीडिया सूत्रों के मुताबिक दोनों शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज के सहारे शिक्षक की नौकरी करने का खुलासा 34 लाख रुपये की ठगी की शिकायत के बाद हुआ. जानकारी सामने आ रही है कि, बर्रा कानपुर के संदीप राठौर ने पुलिस में 34 लाख की ठगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई और पुलिस को जानकारी दी कि, मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के चंद्र नगर निवासी रिश्तेदार राजीव सिंह राठौर, उनकी पत्नी बबिता और राजीव के साथी जो कि कल्याणपुर कानपुर के रामशरण कश्यप है, आदि लोगों ने मिलकर नौकरी लगवाने के नाम पर उनसे 34 लाख रुपए की ठगी कर ली है. आगे उन्होंने जानकारी दी कि जब वे नौकरी नहीं लगवा पाए और मामला हाथ से निलकने लगा तो राजीव ने उनको फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया था. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि इसी के बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी बर्रा थाने में दी और इस सम्बंध में रिपोर्ट दर्ज कराई. इसी के साथ ये भी आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेज को तैयार करके उक्त लोग बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी लगवा रहे हैं और पूर्व में भी इन लोगों ने कुछ लोगों को नौकरी लगवाई है. इसी के बाद पुलिस ने जब मामले में छानबीन शुरू की तो कानपुर देहात में अनिल कुमार और बृजेंद्र कुमार का भी मामला खुल गया, इसी के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया और जब कड़ाई से पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आया.
दोनों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू
मामला सामने आने के बाद जिला बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्दी पांडेय ने गिरफ्तारी के तत्काल बाद दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया और बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी. इसी के साथ बीएसए ने मीडिया को जानकारी दी कि, दोनों शिक्षकों के फर्जी दस्तावेजों को लेकर पहले जानकारी नहीं हो सकी थी. फिलहाल दोनों को शीघ्र ही बर्खास्त कर दिया जाएगा.
दो फर्जी शिक्षक फरार
मामले में कार्रवाई होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अन्य फर्जी शिक्षकों में हड़कम्प मच गया है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले औरैया जिले के दो शिक्षक फरार हो गए हैं. एक का नाम सुनील कुमार है जो कि, झींझक के प्राथमिक विद्यालय में तैनात हैं तो वहीं, औरैया के ही सुशील कुमार जालौन जिले के महोबा माघपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात है. इन दोनों को पुलिस तलाश रही है. बीएसए रिद्दी पांडेय ने बताया कि, जिन शिक्षकों के नाम आ रहे हैं, उनके अभिलेख जांचे जाएंगे अब जिले से सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच फिर से की जाएगी.
प्रदेश के कई जिलों में कार्यरत हैं फर्जी शिक्षक
बता दें कि प्रदेश के कई जिलों में फर्जी शिक्षक अभी भी कार्य कर रहे हैं. शिकायतकर्ता संदीप राठौर ने बर्रा पुलिस को जानकारी दी कि राजीव सिंह राठौर और उसके साथियों का नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय है और बड़े स्तर पर फर्जी दस्तावेज से इन लोगों ने तमाम लोगों को शिक्षक की नौकरी दिलवाई है. इसमें कानपुर देहात के अलावा कानपुर शहर इटावा, मैनपुरी, जालौन, औरैया आदि जिलों में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षक तैनात हैं. फिलहाल पुलिस अब इस मामले में गहराई से पड़ताल कर रही है तो वहीं शासन स्तर पर भी इसको लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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