कार्यक्रम में डिप्टी सीएम
अशीष शिवहरे
UP News: गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस विरोध कर रही है. इसी को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के जालौन पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस के जयराम रमेश पर पलटवार किया है और कहा है कि इनको तो माफ भी नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गीता प्रेस सनातन धर्मी की पुस्तकों का प्रकाशन करने वाला केवल एक प्रिंटिंग प्रेस ही नहीं है, बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति विचारों इस काल में संस्कारों विचारों को बनाए रखने बाली जीवन रेखा को खींचने वाला भी है.
डिप्टी सीएम ने अपनी बात को शुरू करते हुए कहा कि, “मैं पीएम मोदी द्वारा गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस को दिए जाने का स्वागत करता हूं.” वह आगे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बोले, “कांग्रेस के जयराम नरेश ने माफी मांगने वाला भी काम नहीं किया है, इनको माफ नहीं किया जा सकता.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश की जनता पहले ही नेस्तनाबूद कर चुकी है. उनको विदा कर चुकी है.
मणिपुर में भड़की हिंसा पर कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री से किए गए सवाल पर कहा, “कांग्रेस के प्रधानमंत्री तो कुछ बोलते ही नहीं थे. भारत के प्रधानमंत्री इस मामले को संज्ञान से देख रहे हैं और मणिपुर के मुख्यमंत्री इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही भी कर रहे हैं.”
गीता प्रेस ने धनराशि स्वीकार करने से किया इनकार
बता दें कि सरकार द्वारा गीता प्रेस को शताब्दी वर्ष में गांधी शांति पुरस्कार-2021 दिए जाने की घोषणा की गई है. तो वहीं गीता प्रेस ने भी पहली बार परम्परा तोड़कर यह सम्मान स्वीकार करने की बात कही है, लेकिन प्रबंधन ने पुरस्कार के साथ मिलने वाली एक करोड़ की धनराशि को स्वीकार न करने का फैसला किया है. इसकी पुष्टि प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने की है. बता दें कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल के निर्णय के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पुरस्कार की घोषणा की है. सबसे बड़ी बात कि गीता प्रेस ने अपनी सौ साल की यात्रा में पहली बार किसी पुरस्कार को स्वीकार करने की बात कही है.
-भारत एक्सप्रेस
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