यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो सोशल मीडिया)
UP News: देश को नई संसद मिलने के बाद अब उत्तर प्रदेश में नई विधानसभा मिलने जा रही है. इस सम्बंध में खबर सामने आ रही है कि लखनऊ में नई विधानसभा बनाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है और बताया जा रहा है कि अगले चुनाव से पहले इसका काम पूरा कर लिया जाएगा. खबरों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर पीएम मोदी नये विधानसभा भवन की आधारशिला रख सकते हैं. इसके लिए 50 करोड़ बजट का प्रावधान किया गया है.
राजधानी में इस जगह पर बनेगा नया विधानसभा भवन
बता दें कि अभी जो विधानसभा है वह लखनऊ के हजरतगंज के पास स्थित है और यह इलाका लखनऊ का सबसे प्रमुख क्षेत्रों में एक माना जाता है. जब भी विधानसभा की कार्यवाही होती है, तो आम लोगों को ट्रैफिक की समस्या से जूझना पड़ता है. इसीलिए शहर से थोड़ा हटके नए विधानसभा भवन के निर्माण को लेकर खबर सामने आ रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नए विधानसभा भवन के लिए जमीन की पहचान लखनऊ से बाहर उतरेटिया में की गयी है और आधारशिला की रूपरेखा सरकारी स्तर पर तैयार की जा रही है.
इस सम्बंध में जानकारी सामने आई है कि, योगी सरकार ने नई विधानसभा भवन की डिजाइन बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही सरकार की ओर से एक सलाहाकार की नियुक्ति की जाएगी, जो कि विधानसभा के नए भवन की डिजाइन तैयार करने में मदद करेंगे. बताया जा रहा है कि, नया विधानसभा भवन काफी मजबूत और सुसज्जित बनाया जाएगा, ताकि इसकी भव्यता लोगों को आकर्षित करे. इसकी डिजाइन भी खास तरीके से की जाएगी. साथ ही इसमें विधासनभा के सदस्यों के सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
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2027 से पहले बनने की उम्मीद
मालूम हो कि, उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है. ऐसे में ये जानकारी सामने आ रही है कि नई विधानसभा का भवन यदि साल 2027 से पहले बन जाता है, तो नए भवन में ही विधासनभा के सदस्य बैठेंगे और कार्यवाही में हिस्सा लेंगे. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास कर सकते हैं. इस भवन के निर्माण के लिए बजट में 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है. मालूम हो कि दिल्ली में बने नए संसद भवन का कामकाज मंगलवार से शुरू हो चुका है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा का भवन लगभग 100 साल से भी अधिक पुराना है. विधानसभा के सदस्यों की मानें तो अभी की विधानसभा में स्थान बहुत कम है. कुछ समय के बाद ही विधानसभा और लोकसभा की सीटों की डिलीमिटेशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. ऐसे में जनसंख्या के अनुपात में सदस्यों की संख्या बढ़ने के आसार होने के कारण सदस्यों की संख्या बढ़ने पर अधिक सीटों की जरूरत होगी.
-भारत एक्सप्रेस