सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो ट्विटर)
UP News: प्रदेश में चल रहे यूपी विधानसभा सत्र में शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस विवाद पर सपा को घेरा और कहा कि अवधी और बुंदेलखंडी के लिखे शब्द ‘ताड़ना’ और ‘शूद्र’ का गलत मतलब निकाला गया. शूद्र का मतलब श्रमिक से और ताड़ना का अर्थ देखना होता है. तुलसीदास के रामचरितमानस को कुछ लोगों ने फाड़ने का काम किया, यही घटना अगर किसी दूसरे मजहब के साथ हुई होती तो, देखते क्या होता.
सीएम योगी ने कहा, “धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस तुलसीदास ने जिस कालखंड में लिखा. उसमें उन्होंने एक ग्रंथ से समाज को जोड़ दिया था. मगर आज कुछ लोगों ने रामचरितमानस को फाड़ने का प्रयास किया है, जिसकी मर्जी आए, हिंदुओं का अपमान कर दे.” उन्होंने कहा, “मैं मॉरिशियस में प्रवासी भारतीय के आयोजन में गया था. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके पास कोई धरोहर है, उन्होंने रामचरितमानस को दिखाया. मैंने पूछा कि आपको पढ़ना आता है? उन्होंने कहा कि हम पढ़ना नहीं जानते, लेकिन यही हमारी विरासत है. हम जानते है कि रामचरितमानस अवधी में रची गई. क्या उसके शब्दों का सही मतलब भी इन्हें (सपा) पता है.”
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सीएम योगी ने आगे कहा, “सपा कार्यालय के बाहर पोस्टर लग रहे हैं. क्या ये सही है? ये कृष्ण की धरती है, संगम की धरती है, राम की धरती है. यहां रामायण जैसे ग्रंथ रचे गए. ऐसे ग्रंथों को जलाया गया. क्या देश-दुनिया में रहने वाले हिंदुओं को अपमानित करने काम नहीं कर रहे हैं. तुलसीदास ने जिस संदर्भ में लिखा उसे समझना चाहिए.”
The way some people tried to tear Ramcharit Manas, if this had happened with any other religion, what would have been the situation? Does it mean whoever wants to insult Hindus, can do it?: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath in Vidhansabha pic.twitter.com/RiSfEivkgn
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 25, 2023
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि पिछले करीब डेढ़ महीने से सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य श्रीरामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी करते हुए इसमें लिखी कई चौपाइयों को हटाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर चौपाइयों को संशोधित करने या हटाने की मांग की थी. इस मामले को लगातार हवा देने के लिए सपा द्वारा विवादित पोस्टर सपा कार्यालय के बाहर लगाए जा रहे हैं और चौपाइयों को हटाने की मांग की जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस
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