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Atiq Ahmed: सोशल मीडिया पर अतीक अहमद को बताया था ‘शेर’, दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों पर आईपीसी की धारा 167 के साथ आईटी एक्ट, 153 ए भी लगाया गया है.

Atiq Ahmed Murder Case: अतीक अहमद और अशरफ अहमद (फाइल फोटो-सोशल मीडिया)

अतीक अहमद और अशरफ अहमद (फाइल फोटो-सोशल मीडिया)

Atiq Ahmed: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को शेर बताने वाला रुहेलखंड मेडिकल कालेज के रिसेप्शनिस्ट राजिक अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके साथ ही एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद दोनों पर आईटी एक्ट और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया कर जेल भेज दिया गया है.

पुलिस के मुताबिक, बरेली जिले के बिथरी चैनपुर के रहने वाले 35 वर्षीय शख्स ने हाल ही में प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्याओं के संबंध में अपने ट्विटर हैंडल पर एक भड़काऊ पोस्ट साझा की थी. इसके बाद पुलिस को शिकायत मिली थी. इंस्पेक्टर (अपराध) अमरेश कुमार ने मीडिया को बताया कि कथित आरोपी रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज के रिसेप्शन डेस्क पर काम करता है. उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपी की पोस्ट सामने आने के बाद मेरे द्वारा ही शिकायत दर्ज की गई, क्योंकि उसकी पोस्ट समाज में अशांति पैदा कर दंगा भड़का सकती थी. बता दें कि माफिया ब्रदर्स पर उमेश पाल की हत्या की साजिश करने का आरोप था. दोनों को बदमाशों ने उस वक्त गोली मार दी थी, जब उन्हें प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था.

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इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि दोनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 167 (नुकसान पहुंचाने के इरादे से गलत दस्तावेज तैयार करना) के साथ-साथ आईटी एक्ट भी लगाया गया है. सोमवार को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इसी के साथ दोनों पर आईपीसी की धारा 153ए (धर्म, जाति आदि के आधार पर दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने कहा कि छानबीन में सामने आया है कि एक आरोपी ने पहले भी सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर किए थे. उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.

जानें सोशल मीडिया पर किया था भड़काऊ पोस्ट

सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने सोशल मीडिया पर माफिया ब्रदर्स को लेकर भड़काऊ पोस्ट की थी और उसकी जमकर तारीफ की थी. आरोपी ने अतीक व अशरफ की मौत पर लिखा था, “शिकार करने का बहुत शौक है. शेर को जंजीरों में जकड़कर मारते हो. ज्यादा शौक है शिकार करने का तो खुले में करो.” इस पोस्ट के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पोस्ट का स्क्रीनशाट ट्वीट कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग यूपी पुलिस से की थी. इस पोस्ट के आधार पर बिथरी चैनपुर थाने के दारोगा अमरेश कुमार ने सत्यता की जांच की जिसमे आरोपों की पुष्टि हुई.

-भारत एक्सप्रेस



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