सपा कार्यालय के बाहर यही पोस्टर लगाया गया है
UP News. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित सपा कार्यालय के बाहर एक और पोस्टर लगाया गया है, जिस पर श्रीरामचरितमानस की चौपाई लिखी हुई है. इस तरह सपा ने एक बार फिर से स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरितमानस पर दी गई विवादित टिप्पणी को हवा दे दी है.
इस पोस्टर में एक तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर है तो दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राकेश प्रजापति की फोटो लगी हुई है. इसमें श्रीरामचरितमानस की चौपाई का एक अंश लिखा है, “जे बरनाधम तेली कुम्हारा, स्वपच किरात कोल करवारा.” साथ ही लिखा है, “कुम्हार जाति को नीच बताने वाली रामचरितमानस से यह चौपाई हटनी चाहिए या रामचरितमानस बैन होनी चाहिए.”
सपा का ये पोस्टर वार उसी के बाद शुरू हुआ था, जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का विरोध करते हुए कहा था कि, उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए. वहीं इसके जवाब में संत-महंतों ने भी मौर्य का विरोध शुरू कर दिया था. तमाम विवादों और विरोध के बीच सपा नेता की ओर से रामचरितमानस को लेकर विवादित बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं ये बड़ी बात
उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर जारी विवाद पर हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं, “रामचतिरमानस पर टिप्पणी करना सूर्य को टॉर्च-दीपक दिखाने जैसा है”. जिन लोगों ने रामचरितमानस और भगवान श्री रामचंद्र जी के बारे में कुछ जाना नहीं है और न ही जानने का कोशिश की है. उनकी इस तरह की टिप्पणी को सूरज को टॉर्च-दीपक दिखाने जैसा है. रामचरितमानस में ‘निषाद-राज’ पर चर्चा है, महिला के रूप में शबरी की भी चर्चा है. अगर इन लोगों ने रामचरितमानस को पढ़ा होता तो वो इस तरह की बातें नहीं करते.” सीएम ने कहा किया था कि, यह एक सोची समझी साजिश के तहत हुआ है. श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस को जोड़कर जनता को भटकाने की कोशिश की जा रही है.
-भारत एक्सप्रेस