उलेमा मौलाना नजीफ़ और इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब
UP News: यूपी और सीबीएसई बोर्ड की किताबों से मुगलों के इतिहास को हटाए जाने का निर्णय योगी सरकार द्वारा लिए जाने के बाद देवबंद के उलेमा ने भाजपा सरकार को घेरा है. उलेमा ने कहा है क देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए मोदी- योगी ये काम कर रहे हैं. वहीं अलीगढ़ के जाने-माने इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने कहा कि अगर भारतीय इतिहास से मुगलों के इतिहास को निकाल देंगे तो पिछले 200 साल के इतिहास के बारे में बच्चों को कोई जानकारी नहीं रहेगी. अगर ताजमहल को निकाल दें तो मुगलों का इतिहास ही नहीं रहेगा.
देखें क्या बोले उलेमा
देवबंद के उलेमा मौलाना नजीफ़ ने योगी सरकार के इस फैसले पर अपनी तल्ख प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ” इतिहास को मिटाया जा रहा है, लेकिन इतिहास मिटेगा नहीं. मैं सरकार के इस फैसले के खिलाफ इसलिए भी हूँ, क्योंकि देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की तरफ ले जाया जा रहा है. इसके लिए मुगलों का इतिहास पढ़ाना जरूरी नहीं है. मोदी और योगी जो कर रहे हैं, वो अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कर रहे हैं. उनका लक्ष्य देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है.” बता दें कि यूपी सरकार ने यूपी और सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 11 और 12वीं के साथ ही कक्षा 10 के पाठ्यक्रम में बदलाव कर मुगलों के इतिहास को हटा दिया है. इसी सत्र से विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम में मुगलों का इतिहास पढ़ने को नहीं मिलेगा.
इरफान हबीब ने क्या कहा
वहीं प्रोफेसर इरफान हबीब ने कहा, “यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने भी एक सिलेबस बनाया था BA का, उसमें उन्होंने इतिहास के सिलेबस से अकबर को निकाल दिया था. यह तो एक बात चल रही थी. अब अगर भारत के इतिहास में आप मुगलों का इतिहास निकाल दें. तो 200 साल के बारे में तो हमें कुछ मालूम ही नहीं रहेगा. ताजमहल को भी आप निकाल दें, फिर मुगलों का इतिहास नहीं होगा. तो फिर ताजमहल भी नहीं होगा. हिंदुस्तान के कल्चर के एक बड़े हिस्से को आप निकाल देंगे.”
उन्होंने कहा, “दूसरी चीज यह भूल जाते हैं, कि मुगल बाहर से आए थे, लेकिन वह तो यहां आबाद हो गए. वह यहां का रुपया दौलत बाहर तो नहीं भेजते थे. यही के बाशिंदे हो गए. शादी ब्याह से वैसे भी हिंदुस्तानी हो गए. जहांगीर की मां भी हिंदुस्तानी थी. शाहजहां की मां हिंदुस्तानी थी. किसी तरह यह नहीं कहा जा सकता कि वह बाहर के थे. आप कैसे 200 साल के इतिहास को खारिज कर सकते हैं. मुगलों ने तो भारत को लूटा भी नहीं. न ही यहां की दौलत बाहर भेजी. बाहर तो उनका कोई था भी नहीं. सभी जो भी था उनका सब हिंदुस्तान में था और जो खर्च करते थे यहीं करते थे. इतिहास जो है उसे आप मिटा नहीं सकते.”
इरफान हबीब ने कहा, “आप मत पढ़ाएं, लेकिन उससे बाकी को नुकसान होगा. मुगलों का इतिहास दो लफ्जों में या दो शब्दों में नहीं बताया जा सकता. अगर आप ताजमहल के बारे में बच्चे से पूछेंगे तो वह कहेगा कि हमे नहीं मालूम. तो बाहर के लोग क्या सोचेंगे?, बच्चे जितना कम जानेंगे अपने इतिहास के बारे में वह उतने ही बेवकूफ होंगे”.
-भारत एक्सप्रेस