फोटो-सोशल मीडिया
UP News: जल्द ही उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित होने वाले परिषदीय स्कूलों की तस्वीर बदलने जा रही है. इन स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी और उनको गुणवत्तापरक शिक्षा दी जाएगी. इन स्कूलों को मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत संवारा जाएगा.
इस सम्बंध में जानकारी सामने आई है कि उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करने जा रही है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड में कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
इस सम्बंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने मीडिया को जानकारी दी कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा. उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है. इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा.
आने वाले तीन वर्षों में बदल जाएगी तस्वीर
सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है. इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है. इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा. इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेग. प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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