पुलिस की गिरफ्त में आरोपी और बरामद सामान (फोटो सोशल मीडिया)
Azamgarh: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां UPATS और आजमगढ़ पुलिस की संयुक्त छापेमारी में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों के पास से 32 बोर की 10 अवैध पिस्टल और 20 मैगजीन, दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी दूसरे राज्यों से लाकर जिले में अवैध हथियारों की तस्करी कर रहे थे. जानकारी सामने आ रही है कि यूपी एटीएस को लगातार आजमगढ़ में मध्यप्रदेश के बनियानी जिले के जगत सिंह से अवैध हथियारों को लाकर यहां पर बिक्री और तस्करी करने के इनपुट मिल रहे थे. इसी के बाद संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी के बाद पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है.
एटीएस को मिला था इनपुट
इस मामले का खुलासा करते हुए जिले के एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने बताया कि घटना में शामिल लोग काफी समय से तस्करी का काम कर रहे हैं और आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. घटना में शामिल आरोपियों पर गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही इनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा. रामशब्द यादव पर 32 मुकदमें दर्ज हैं. मीडिया सूत्रों के मुताबिक एटीएस की टीम ने आजमगढ़ कोतवाली में चार आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है. इनमें से दो आरोपियों में एक जीयनपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला राम शब्द यादव है, जबकि दूसरा आरोपी मुबारकपुर थाना क्षेत्र के गजहड़ा गांव निवासी संजय यादव है.
पढ़ें इसे भी- UP Politics: ठग किरण भाई पटेल को लेकर अखिलेश यादव का सरकार पर निशाना, बोले- ये देश की सुरक्षा से खिलवाड़
दो फरार आरोपियों में जीयनपुर के रसीदाबाद का रहने वाला कमलेश कुमार यादव और मध्यप्रदेश के अनूपपुर का रहने वाला जगदीश सरदार फरार है, जिसकी तलाश ATS कर रही है. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर संयुक्त टीम जजी के मैदान के पास जमा हुई. कुछ ही देर बाद दो व्यक्ति एक पिट्ठू बैग लेकर आए और उस बैग को आल्टो कार में रखने लगे. इसी बीच संयुक्त टीम ने घेराबंदी करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक आरोपी फरार हो गया.
काजी गन हाउस बना तस्करों की पहली पसंद
बता दें कि यूपी ATS ने 27 अक्टूबर 2022 को देर रात आजमगढ़ के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के पतिला गौसपुर में छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए थे. बरामद हथियार में चार पिस्टल, 10 एयरगन और एक बंदूके के साथ बड़ी संख्या में अर्धनिर्मित हथियार थे. बाद में मामले का खुलासा करते हुए जिले के काजी गन हाउस की भी संलिप्तता पाई गई थी.
-भारत एक्सप्रेस