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UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव में भाजपा तो जीत गई, लेकिन इन नतीजों ने उड़ाई कई मंत्रियों की नींद

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित करीब प्रदेश के करीब एक दर्जन मंत्रियों के गढ़ में उनके उम्मीदवार हारे हैं, जबकि पार्टी ने इनको जिताने की जिम्मेदारी क्षेत्र के सांसद और विधायकों को दी थी.

C-Voter Opinion Poll

फोटो सोशल मीडिया

UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव में अभूतपूर्व जीत हासिल कर भले ही भाजपा जश्न में डूबी हो, लेकिन उसके कई मंत्रियों के कार्यों की पोल खुल गई है. भाजपा तो जीती है, लेकिन कई मंत्री ऐसे हैं जो अपने गृह जनपद में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी को सफलता दिलाने में असमर्थ रहे हैं.

बता दें कि निकाय चुनाव के प्रचार के लिए भाजपा ने अपने सभी सांसदों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी दी थी. बावजूद इसके बड़ी संख्या में मंत्रियों के गढ़ से पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है. ऐसे में पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस पूरे मामले को गम्भीर बताया है और कहा है कि कई मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को जीत नहीं दिला सकें है. पार्टी इस स्थिति का आंकलन करेगी और उसके अनुसार कार्रवाई करेगी.

देखें किन-किन मंत्रियों की हुई हार

सीएम योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट के मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के उम्मीदवार को नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है. बता दें कि अरविंद शर्मा का गृह जिला मऊ है और यहीं से बसपा प्रत्याशी जीत गया है और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं रायबरेली में भी यही हाल रहा है. यहां पर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह अपनी उम्मीदवार शालिनी कन्नौजिया को नहीं जीता पाए हैं. यहां पर कांग्रेस ने उनसे नगर पालिका अध्यक्ष की सीट छीन ली है. यानी कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज कराई है.

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इसी तरह पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के उम्मीदवार भी जीत दर्ज कराने में असमर्थ रहे. बरेली के आंवला नगर पालिका के भाजपा उम्मीदवार संजीव सक्सेना सपा के आबिद अली से हार गए हैं. वहीं मंत्री असीम अरुण के निर्वाचन क्षेत्र कन्नौज और मंत्री बलदेव सिंह औलख के निर्वाचन क्षेत्र रामपुर में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है. ऐसे ही मंत्री नितिन अग्रवाल भी अपने वार्ड में अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला सके हैं.

सबसे चौंका देने वाली बात ये है कि गोंडा से भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली दोनों नगर पालिकाओं में अपनी पार्टी को जीत नहीं दिला सके हैं.

मंत्री गुलाब देवी अपने निर्वाचन क्षेत्र सम्भल में दो नगर पालिकाओं पर बीजेपी उम्मीदवारों को नहीं जिता सकी हैं. यहां एक सीट पर निर्दलीय तो दूसरी पर ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जीत दर्ज की है. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता स्वर्गीय कल्याण सिंह के गृह नगर अलीगढ़ में भी भाजपा को दोनों नगर पालिकाओं से हाथ धोना पड़ा है, वो भी तब जब यहां से उनसे बेटे राजवीर सिंह सांसद हैं और उनके पोते संदीप सिंह बेसिक शिक्षा मंत्री हैं. और तो और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कौशाम्बी वार्ड में भी भाजपा को जीत नसीब नहीं हुई है.

-भारत एक्सप्रेस



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