चारो आरोपी (फोटो-सोशल मीडिया)
UP Police Constable Exam 2024: उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में सेंध लगाने के लिए तमाम जुगाड़ लगाने वाले 4 नकल माफियाओं को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. इन लोगों के कनेक्शन बिहार और झारखंड से भी जुड़े पाए गए हैं. गोरखपुर में गिरफ्तार चारों शातिरों ने पुलिस के सामने फर्जीवाड़े का खुलासा किया है और बताया है कि एडमिट कार्ड को मोबाइल पर मंगाने के बाद उसका क्लोन तैयार कर फर्जी एडमिट कार्ड पर साल्वर का फोटो लगाने के साथ ही रेटिना मैच कराकर परीक्षा केन्द्र के अंदर भेजने का काम करते थे. इसी के साथ ही नकल माफियाओं ने ये भी बताया कि अगर वे परीक्षा केंद्र के अंदर साल्वर को भेजने में सफल नहीं होते थे तो केन्द्र को मैनेज करने और फर्जी प्रश्नपत्र देकर रात भर तैयारी करवाकर भोले-भाले अभ्यर्थियों को फंसाने का काम करते थे. इसके अलावा परीक्षा पास कराने और नौकरी दिलाने के नाम पर भी लाखों रुपए वसूलने में जुटे थे. यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में भी ऐसे अभ्यर्थियों से 9 लाख रुपए गैंग ने वसूले थे. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है.
गैंग को लेकर सोमवार को गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पुलिस लाइन्स सभागार में एएसपी/सीओ कैंट अंशिका वर्मा की मौजूदगी में चारों आरोपियों को पेश किया. इसी के साथ ही मीडिया को जानकारी दी कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को गोरखपुर में सफलतापूर्वक सम्पन्न कराया गया है. उन्होने बताया कि परीक्षा में कुछ शातिरों ने सेंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन इससे पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि एक ऐसा गैंग हत्थे चढ़ा है जिसने अभ्यर्थियों के अंगूठे का क्लाने बनाने का प्रयास किया. इसके बाद उसे मैच कराने, एडमिट कार्ड पर फोटो बदलकर साल्वर को बैठाने और इसके साथ ही सेंटर को मैनेज करने तक का प्रयास किया.
रात भर पढ़वाया पुराना पेपर
एसपी सिटी ने आगे बताया कि, जब वहां पर भी बात नहीं, तो उन्होंने पेपर आउट कराने की स्कीम बताकर 24 लोगों के एडमिट कार्ड लिए और उनमें से तीन लोगों को रात भर पुराना पेपर पढ़ाया. इसके बाद जब तीनों अभ्यर्थियों ने सुबह पेपर दिया, तो उन्हें पता चला कि पेपर दूसरा आया है. एसपी ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. जिन तीन लोगों के साथ ठगी हुई है, उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसके बाद अभ्यर्थियों की निशानदेही पर तीन आरोपियों को अरेस्ट कर 24 एडमिट कार्ड, एक चार पहिया वाहन, एक बाइक बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि, गिरफ्तार आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करके यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड परीक्षा में एंट्री करने का प्रयास किया है, इसलिए वो लोग भी जेल जाएंगे.
व्हाट्सएप चैट से हुआ बड़ा खुलासा
एसपी सिटी ने आगे बताया कि आरोपियों के पास से मिले मोबाइल में जब व्हाट्सएप चैट खंगाली गई तो पाया गया कि यह गिरोह उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, बिहार राज्यों में हो रहे प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर समय से पूर्व साल्व कर अभ्यर्थियो को बेच देते थे. इसी के साथ ही फर्जी अभ्यार्थियो को तैयार करते थे और साल्वर के रूप में परीक्षाओं में बैठ देते थे. इस गैंग के व्हाट्सएप चैट में अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र संशोधन, अंगूठे का क्लोनिंग, फोटो मिक्स और हस्ताक्षर करने के प्रमाण का उल्लेख भी मिला है. एसपी सिटी ने बताया कि, आरोपियों ने यूपी आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती में पास कराने के लिए प्रश्नपत्र देने के एवज में 9 लाख रुपया लिया था.
इस तरह करते थे खेल
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 17 फरवरी और 18 फरवरी को हुई यूपी पुलिस सिपाही भर्ती की परीक्षा में पास कराने के नाम पर पहले अभ्यर्थियों से सम्पर्क किया और फिर उनसे रुपए लेकर उनके एडमिट कार्ड को मोबाइल पर मंगवाकर उसका क्लोन तैयार करवाया. इसके बाद एडमिट कार्ड पर लगे फोटो को मिटाकर, उस फोटो के स्थान पर अपने साल्वर का फोटो लगाकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करते थे. फिर अवैध तरीके से अभ्यर्थियों को पास करवाने की जिम्मेदारी लेते थे. इसी के साथ ही आरोपियों ने बताया कि, परीक्षा केन्द्रों पर थंब इंप्रेशन के अलावा रेटिना मैच कराने के बाद परीक्षा में प्रवेश दिया जा रहा था. इसलिए प्रश्न पत्र को लीक कराकर उत्तर कुंजी हस्तलिखित तैयार कर अभ्यर्थियों को रटने के लिए दिया गया था.
आरोपियों को भेज दिया गया जेल
बता दें कि एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई के मार्गदर्शन में अपर पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी कैण्ट अंशिका वर्मा के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक कैण्ट रणजीत मिश्रा, एसओजी प्रभारी गोरखपुर के नेतृत्व में स्वाट प्रभारी गोरखपुर पुलिस टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया और फिर सभी को वहां से जेल भेज दिया गया है.गोरखपुर के खोराबार थानाक्षेत्र के कोनी गांव के रहने वाले जय पाण्डेय के साथ ही खोराबार के लालपुर टीकर बीस बिगहा के रामा यादव उर्फ रंजीत यादव और अजय कुमार यादव तो वहीं गोरखपुर के मूलरूप से देवरिया जिले के बनकटा थानाक्षेत्र के कटहरा गांव के रहने वाले लाल साहब प्रसाद, जिनका अस्थायी पता खोराबार थानाक्षेत्र के सूबाबाजार है, को गिरफ्तार किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस