स्मृति ईरानी और राहुल गांधी
UP Politics: कांग्रेस भले ही आज कर्नाटक में अभूतपूर्व सफलता पाकर खुशी से झूम रही है लेकिन आज भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी छिन जाने का दर्द अवश्य होगा? वहीं इस मामले में भाजपा नेता व मंत्री स्मृति ईरानी ने ताजा बयान देकर कांग्रेस की खुशी में थोड़ा नमक जरूर छिड़क दिया है. स्मृति ने सोमवार को कहा कि, उन्हें अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में इसलिए नहीं उतारा गया था कि वो महिला हैं, बल्कि पार्टी को लगता था कि केवल वह ही हैं जो उन्हें हरा सकती हैं.
बता दें कि स्मृति ईरानी ने 2019 के आम चुनाव में नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में राहुल गांधी को करीब 55,000 वोटों के अंतर से हराया था. इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में वह राहुल गांधी के सामने एक लाख मतों के अंतर से हार गई गई थीं.
महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने रियल एस्टेट डेवलपर्स के संगठन ‘क्रेडाई’ द्वारा आयोजित सम्मेलन में मौजूद रहीं. इस मौके पर सरकार को महिला रियल एस्टेट डेवलपर्स को त्वरित मंजूरी देने पर विचार करना चाहिए, के सवाल पर उन्होंने कहा कि, “मैं इसके बजाय पुरुष डेवलपर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करना पसंद करूंगी…”, उन्होंने आगे कहा कि, मुझे अमेठी इसलिए नहीं भेजा गया था क्योंकि मैं एक महिला हूं. मुझे अमेठी इसलिए भेजा गया क्योंकि मैं एकमात्र व्यक्ति थी जो उस आदमी (राहुल गांधी) को हरा सकती थी.”
इस मौके पर स्मृति ईरानी ने रियल एस्टेट कंपनियों की संस्था क्रेडाई से पहली पीढ़ी की महिला रियल एस्टेट ‘डेवलपर’ को बढ़ावा देने को कहा. सोमवार को यहां पर क्रेडाई महिला एवं युवा नेतृत्व शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ईरानी ने बिल्डरों से कहा कि वे निर्माण गुणवत्ता से समझौता किए बिना रियल एस्टेट परियोजनाओं को सस्ता रखने पर ध्यान दें.
-भारत एक्सप्रेस