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उत्तर प्रदेश: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

UP Teacher Bharti: यह याचिका सामान्य वर्ग में चयनित अभ्यर्थी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है और हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

UP Teacher Bharti: उत्तर प्रदेश सहायक शिक्षक भर्ती 2019 में चयनित अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची तैयार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ पीठ के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को को तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया था। यह याचिका सामान्य वर्ग में चयनित अभ्यर्थी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है और हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।

बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया था परीक्षा-परिणाम

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अगर नई सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नई चयन सूची बनने से वीते चार सालों से सेवाएं दे रहे हजारों शिक्षक बाहर हो जाएंगे। 1 जून 2020 को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 69000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी किया था। इसमें सामान्य का कट ऑफ 67.11 फीसदी और ओबीसी का कट ऑफ 66.73 फीसदी था। 69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची एक जून 2020 को जारी हुई थी, जबकि 6800 अभ्यर्थियों की सूची पांच जनवरी 2020 को जारी हुई थी।

हाईकोर्ट ने दिया था सरकार को ये आदेश

हाई कोर्ट ने आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की सूची खारिज करने के सिंगल बेंच के फैसले को भी बरकरार रखा है। सिंगल बेंच ने 8 मार्च 2023 को फैसला दिया था कि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 की लिस्ट को रद्द किया जाता है। साथ ही अपेक्स टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम को पात्रता परीक्षा नही माना था। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इस आदेश को संशोधित करते हुए आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का सरकार को आदेश दिया था।

सपा सरकार में 1 लाख 37 हजार शिक्षा मित्रों किया गया था समायोजित

बता दें कि जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब 1 लाख 37 हजार शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित कर दिया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को रद्द कर दिया था और योगी आदित्यनाथ की सरकार को 1 लाख 37 हजार पदों के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पदों को दो चरणों में भरने को कहा था। जिसके बाद योगी सरकार ने वर्ष 2018 में 68500 पदों के लिए वैकेंसी निकाली। इसके बाद दूसरे चरण की भर्ती 69000 सहायक शिक्षक की भर्ती की गई।

-भारत एक्सप्रेस

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