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उत्तर प्रदेश: बहराइच में बुल्डोजर की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 23 अक्टूबर को करेगा सुनवाई

Bahraich Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के बहराइच में प्रस्तावित बुल्डोजर की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 23 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

Bahraich Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के बहराइच में प्रस्तावित बुल्डोजर की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 23 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि यूपी के बहराइच में एक घटना के बाद बुलडोजर की कार्यवाही को लेकर नोटिस चस्पा किया गया है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि यदि वे (यूपी के अधिकारी) हमारे आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं तो यह उनकी च्वाइस है.

तीन पीड़ितों ने दायर की याचिका

जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि हाई कोर्ट ने 15 दिन का समय दिया है. एक तरह से रोक है. जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि हालांकि कोई सुरक्षा नहीं मिली है. जस्टिस गवई ने कहा कि यदि आपका निर्माण सड़क पर है, तो हम कैसे कोई आदेश दे सकते हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा माई लॉर्ड्स हमारी रक्षा करें. जस्टिस गवई ने एएसजी से कहा कि कल तक अपनी कार्रवाई पर रोक लगाए. तीन पीड़ितों ने यह याचिका दायर की गई है.

नोटिस को रद्द करने की मांग

याचिका में उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा चस्पा किया गया नोटिस को रद्द करने की मांग की गई है. इसके साथ ही याचिका में स्थानीय विधायक द्वारा दिए गए बयान का भी हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि बहराइच की घटना के बाद प्रशासन ने मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के अवैध रूप से निर्मित घर पर विध्वंस नोटिस चिपकाया है. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर 15 दिन के लिए रोक लगा रखा है. पीडब्ल्यूडी विभाग ने 23 लोगों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब देने को कहा था.

23 लोगों के घर और दुकान पर नोटिस

पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से शनिवार को बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घर और दुकान पर नोटिस लगाई गई थी. जिसके खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स की इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नोटिस को रद्द करने की मांग की गई. पीडब्ल्यूडी विभाग ने घरों पर नोटिस चस्पा कर उनके निर्माण को अवैध बताया है. इनमें कई बहराइच में हुई हिंसा के आरोपी भी है.

13 अक्टूबर को हुआ था सांप्रदायिक टकराव

बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव में 13 अक्टूबर को जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर हुए सांप्रदायिक टकराव के दौरान 22 वर्षीय युवक राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी. जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ने क्षेत्र में 23 मकान और प्रतिष्ठानों को ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया था. उनमें से 20 घर मुस्लिमों के है. वे सड़क नियंत्रण अधिनियम 1964 के तहत जारी किए गए.



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