
पुष्कर सिंह धामी. (फोटो: X/@pushkardhami)
Uttarakhand News: उत्तराखंड के इतिहास में 4 जुलाई 2025 एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया, जब हरिद्वार में आयोजित विकास संकल्प पर्व के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मुख्य सेवक के रूप में चार वर्ष पूरे किए. इस अवसर पर ₹550 करोड़ की लागत से 107 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि विकास केवल एक एजेंडा नहीं, बल्कि धामी सरकार की प्राथमिकता है. यह आयोजन केवल परियोजनाओं के उद्घाटन का उत्सव नहीं था, बल्कि एक दूरदर्शी नेतृत्व द्वारा जन-आशाओं को नीति में बदलने की शक्ति का प्रमाण था.
धामी जी उत्तराखंड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं जिन्होंने लगातार चार वर्षों तक कुर्सी पर रहते हुए राजनीतिक स्थिरता और विकास को एक साथ साधा है. यह स्थिरता संयोग नहीं, बल्कि उनके नेतृत्व की परिपक्वता, नीतिगत स्पष्टता और ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच का परिणाम है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास ने पुष्कर सिंह धामी को केवल एक राज्य के नेता तक सीमित नहीं रखा उन्होंने खुद को उस पीढ़ी के नेताओं में स्थापित किया है, जो ‘न्यू इंडिया’ की आकांक्षाओं को आकार दे रहे हैं.
न्यू इंडिया की आकांक्षाओं को दिशा देते धामी
इन चार वर्षों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह सिद्ध कर दिया कि युवा नेतृत्व केवल जोश नहीं, बल्कि दूरदृष्टि, नीति और समर्पण का प्रतीक हो सकता है. उन्होंने न केवल प्रशासनिक मजबूती दी, बल्कि उत्तराखंड की राजनीति को राष्ट्रवादी विचारधारा और विकास के धरातल पर फिर से खड़ा किया. आज जब देश ‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ रहा है, तो उत्तराखंड उसकी प्रेरणा बनकर उभर रहा है — और इस परिवर्तन का केंद्र बिंदु है धामी मॉडल.
उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू कर संविधान के आदर्शों को ज़मीन पर उतारा — और इस ऐतिहासिक फैसले के केंद्र में थे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी. धामी सरकार ने लैंड जिहाद पर सबसे बड़ी चोट करते हुए 6000 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया. धर्म और संस्कृति के नाम पर हो रहे अतिक्रमण को जिस स्पष्टता से धामी ने रोका, वह पूरे देश के लिए उदाहरण बन गया.
देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून
राज्य में लागू हुआ देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून — और नतीजा? 23,000 से अधिक युवाओं को मिली पारदर्शी सरकारी नौकरी. यह सिर्फ रोजगार नहीं, भरोसे की वापसी थी. महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर सशक्तिकरण को नीति का रूप दिया गया. अब बेटियों के सपनों में बाधा नहीं, अवसर हैं. धर्मांतरण पर कठोर कानून लाकर उत्तराखंड ने सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा की. भू-कानून में बदलाव कर यह संदेश दिया गया कि उत्तराखंड की ज़मीन, उत्तराखंड की अस्मिता है.
यह तो केवल पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए गए कार्यों की एक झलक भर है — उन उपलब्धियों की जो नीति और नीयत के अद्वितीय संगम से निकली हैं. इन निर्णयों के पीछे है एक ऐसी दूरदर्शी सोच, जो उत्तराखंड को सिर्फ विकासशील नहीं, बल्कि सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन यह सोच उत्तराखंड तक सीमित नहीं है — यह उस नए भारत की सोच है, जहां नेतृत्व युवाओं के हाथ में है, जो न केवल ज़मीनी हकीकत को समझते हैं बल्कि राष्ट्र के दीर्घकालिक हितों को सर्वोपरि रखते हैं.
मुख्यमंत्री धामी की कार्यशैली में नीति का संतुलन और विचारधारा की स्पष्टता है. यही कारण है कि उनके फैसले सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि एक विचार, एक दृष्टिकोण और एक राष्ट्रवादी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता, लैंड जिहाद पर प्रहार, धर्मांतरण विरोधी कानून और कठोर भू-कानून जैसे निर्णय न केवल राज्य की दिशा बदलने वाले रहे, बल्कि राष्ट्रीय विमर्श में भी उदाहरण बने. ये कार्य दिखाते हैं कि पुष्कर सिंह धामी एक ऐसे नेता हैं, जो न कठिन निर्णयों से डरते हैं, न लोकप्रियता के मोह में निर्णय टालते हैं.
धामी मॉडल: एक नई शासन संस्कृति का प्रतीक
यह केवल एक मुख्यमंत्री के चार सालों का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि एक नायक के निर्माण की सतत यात्रा है. एक ऐसा नेतृत्व, जिसने चुनौतियों को अवसरों में बदला, जन भावनाओं को सम्मान दिया, और शासन को जन सेवा का माध्यम बनाया. उत्तराखंड आज सिर्फ एक राज्य नहीं, एक मॉडल स्टेट बनता जा रहा है — और उसके केंद्र में है धामी मॉडल . जो कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में किए, वे आज पूरे देश में “बेंचमार्क ऑफ गवर्नेंस” बनते जा रहे हैं.
उनकी कार्यशैली ने दिखाया है कि ईमानदार नेतृत्व, स्पष्ट सोच और राष्ट्र के प्रति अटूट निष्ठा के साथ कोई भी राज्य, कोई भी व्यवस्था, और कोई भी समाज बदला जा सकता है. उनके निर्णय, उनका दृष्टिकोण और उनकी नीतियां यह स्पष्ट संकेत देती हैं कि आने वाले वर्षों में पुष्कर सिंह धामी का स्थान भारतीय राजनीति के व्यापक फलक पर और भी सशक्त और निर्णायक रूप में उभरने वाला है.
ये भी पढ़ें: CBI द्वारा दर्ज चुनाव बाद हिंसा के बलात्कार मामले में आरोपी को उम्रकैद की सजा
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.