Uttarakhand: उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ का कहर जारी है और इस कारण हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हैं. बीते दिनों उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैण ब्लॉक के रौली गांव में बादल फटने से ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है. बादल फटने के कारण रौली में कई गौशालाएं पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हो गईं. गौशाला में बंधे कई मवेशियों की मृत्यु व अन्य लापता हो गए.
39 वर्षीय वीरेंद्र सिंह ने बताया 20 जुलाई देर रात करीब 1.30 बजे गांव के पास भारी बारिश के बाद बादल फटा था. उसके बाद से गांव भयंकर असुविधाओं का सामना कर रहा है. मगर सरकार या प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कोई मदद नहीं पहुंचाई जा सकी है.
वहीं 78 वर्षीय जगत सिंह का कहना है कि 1962 में गांव बसने के बाद से ये अब तक की सबसे भयावह आपदा है. उन्होंने अपने जीवन में ग्राम रौली को इससे भयंकर आपदा की मार झेलते हुए नहीं देखा गया है.
पौड़ी गढ़वाल के रौली गांव में तीन दिन पहले बादल फटने से गौशालाएं तबाह हो गईं थीं, कई मवेशी मर गए. एक ग्रामीण ने बताया कि राज्य सरकार या प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है.#Pauricloudburst #Uttarakhand #Cloudburst #bharatExpress pic.twitter.com/qHTuZvv5XC
— Bharat Express (@BhaaratExpress) July 24, 2023
पुल पर आवाजाही बंद
इसके अलावा पीठसैंण-बूंगीधार मोटर मार्ग पर बगवाड़ी के निकट मोटर पुल के दोनों तरफ की दीवारें और पिलर क्षतिग्रस्त हो गये हैं. पुल को वाहनों एवं पैदल आवाजाही के लिए पूर्णरूप से बंद कर दिया गया है. लोक निर्माण विभाग द्वारा इस स्थान पर पैदल वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है क्योंकि यहां से आवागमन करना खतरनाक साबित हो सकता है.
मगर रौली गांव के लोग अब भी मदद और सहायता की राह देख रहे हैं. स्थानीय विधायक या नेताओं ने भी किसी तरह की मदद नहीं की है जिससे पूरे गांव में रोष है.
-भारत एक्सप्रेस
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