बाबा विश्वनाथ को फूलों से सजाया गया
सौरभ अग्रवाल
Varanasi: आज पूरे देश में बसंत पंचमी मनाई जा रही है तो वहीं काशी में बाबा विश्वनाथ के विवाह की तैयारी भी शुरू हो गई है. आज शाम को बाबा का तिलकोत्सव होगा. समस्त आयोजन परंपरागत तरीके से विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत के आवास पर पूरा किया जाएगा. बाबा राजसी स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे. बाबा कि इस छवि को देखने के लिए सैकड़ों भक्त अभी से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने लगे हैं तो वहीं पूरा काशी बाबा के तिलक उत्सव में शामिल होने को आतुर दिखाई दे रहा है. आज सुबह पहले बाबा के दरबार में बसंत पंचमी का उत्सव मनाया गया तो वहीं शाम को तिलकोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है.
आज दिनांक 14-02-2024 को बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मध्याह्न भोग आरती के भव्य दर्शन #ShriKashiVishwanath #Shiv #Mahadev #Baba #Temple #Darshan #Blessings #BhogAarti #Varanasi #Aarti #Kashi #Jyotirlinga #VishwanathDham pic.twitter.com/miIJawLFuc
— Shri Kashi Vishwanath Temple Trust (@ShriVishwanath) February 14, 2024
बसंत पंचमी के दिन यानी बुधवार को बाबा काशी विश्वनाथ के तिलक का उत्सव टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर होगा. लोकमान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिव-विवाह के पूर्व बंसत पंचमी पर भगवान शिव का तिलकोत्सव किया गया था. काशीवासी परंपरानुसार आज बाबा के तिलक की रस्म पूरी करेंगे. बुधवार को महंत आवास पर भोर में मंगला आरती के बाद परंपरानुसार दिन भर तिलकोत्सव के लोकाचार संपादित किए गए. ब्राह्मण चारों वेदों की ऋचाओं का पाठ करते रहे. इसके साथ ही बाबा का दुग्धाभिषेक कर विशेष पूजनोपरांत फलाहार के साथ विजयायुक्त ठंडाई का भोग अर्पित किया गया. इस दौरान महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दिखाई दीं. सायंकाल भक्तों को बाबा विश्वनाथ (राजसी-स्वरूप) दूल्हा स्वरूप में दर्शन देंगे. काशीवासी परंपरानुसार शहनाई की मंगल ध्वनि और डमरुओं के निनाद के बीच तिलकोत्सव की रस्म पूरी की जाएगी.
पंचबदन रजत प्रतिमा का होगा तिलकोत्सव
महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बताया की बसंत पंचमी बुधवार को सायंकाल बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत प्रतिमा का तिलकोत्सव टेढीनीम महंत आवास पर होगा. बंसत पंचमी पर तिलकोत्सव के पूर्व भोर 4:00 से 4:30 बजे तक बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत मूर्ति की मंगला आरती के साथ आयोजन की शुरु हुआ. इसके बाद 6:00 से 8:00 बजे तक ग्यारह वैदिक ब्राह्मणों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के पाठ के साथ बाबा का दुग्धाभिषेक करने के बाद बाबा को फलाहार का भोग अर्पित किया गया. दोपहर भोग आरती के बाद बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा का विशेष राजसी श्रृंगार के बाद सायंकाल 5:00 बजे से प्रतिमा का दर्शन श्रद्धालुओं को होगा. शाम 7:10 बजे लग्नानुसार बाबा का तिलकोत्सव किया जाएगा. तो वहीं दूसरी ओर बाबा काशी विश्वनाथ के मंदिर में बाबा को बसंत पंचमी पर पीले रंग के फूलों से सजाया गया.
-भारत एक्सप्रेस