
जेपीसी रिपोर्ट में राज्यसभा में हंगामा.
Budget Session: संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है. आज (13 फरवरी) सदन में वक्फ संशोधन बिल 2025 की जेपीसी रिपोर्ट को राज्यसभा में पेश किया गया. रिपोर्ट पेश होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रिपोर्ट को लेकर कहा कि जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है, क्योंकि विपक्ष असहमति को खारिज कर असंवैधानिक तरीके से रिपोर्ट तैयार की गई है. राज्यसभा में बीजेपी सांसद मेधा विश्राम कुलकर्णी ने यह बिल पेश किया.
विपक्ष की राय दबाने का आरोप
मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि सांसदों की राय को दबाया गया है और नॉन स्टेक होल्डर को बाहर से बुलाकर उनका स्टेक ले रहे हैं. खड़गे ने मांग की कि इस रिपोर्ट को वापस से जेपीसी में भेजा जाए.
“असहमति की टिप्पणी शामिल नहीं”
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी आरोप लगाया कि जेपीसी की इस रिपोर्ट में हमारी असहमति टिप्पणियों को शामिल नहीं किया गया. वहीं, किरेन रिजिजू ने विपक्ष के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें गलत बताया. रिजिजू ने कहा कि रिपोर्ट में विपक्षी की असहमति भी दर्ज है.
इससे पहले, जेपीसी के चेयरमैन जगदम्बिका पाल ने कहा था कि हमारे कुछ सदस्य कह रहे हैं कि हमारी असहमति है, हमारी बातें नहीं सुनी गईं. लेकिन उनकी बातें हम छह महीने तक लगातार सुनते रहे. उनके द्वारा सुझाए गए संशोधनों पर हमने वोटिंग की, जो संसद की प्रक्रिया है. किसी भी कानून पर सहमति-असहमति हो सकती है, किसी रिपोर्ट पर भी हो सकती है. इसका तरीका यही है कि उस पर वोट किया जाता है. हमने सभी पर वोट कराया, जो भी बहुमत में था, उसे अपनाया और जो अल्पमत में था, उसे नकारा.
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उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद भी, रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद मैंने उनसे असहमति का नोट मांगा, और जो असहमति का नोट उन्होंने दिया, उसे हमने रिपोर्ट में शामिल किया है. साथ ही, जिन-जिन हितधारकों से हम मिले हैं, उनके द्वारा कही गई बातें भी हम जेपीसी के साथ जोड़कर रख रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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