केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
लोकसभा चुनाव 2024 के कई महीने बाद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चौंकाने वाला दावा किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के एक नेता ने उन्हें पीएम पद का ऑफर दिया था. उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है.
नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर में पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान कहा, ‘विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री पद की पेशकश के साथ मुझसे संपर्क किया. मुझसे कहा गया कि अगर मैं प्रधानमंत्री बनना चाहता हूं तो वो मुझे सपोर्ट करेंगे.’
बकौल गडकरी, ‘मैंने तब उस बड़े नेता से पूछा था कि आपको मेरा समर्थन क्यों करना चाहिए और मुझे आपका समर्थन क्यों लेना चाहिए?’ उन्होंने आगे कहा- प्रधानमंत्री पद की पेशकश पर मैंने तुरंत मना कर दिया था और मैंने उस नेता से कहा था कि मैं विचारधारा में विश्वास करने वाला व्यक्ति हूं. मैं हमेशा सिद्धांतों पर जीता और काम करता हूं.
‘मैं हमेशा सिद्धांतों पर जीता और काम करता हूं’
गडकरी बोले- ‘मैंने साफ कह दिया था कि मेरा मकसद देश का प्रधानमंत्री बनना नहीं है. इसलिए कोई ऑफर लेने का सवाल ही नहीं था. मेरी परवरिश ऐसे हुई है कि मैं कुछ सिद्धांतों और दृढ़ विश्वास पर जीया हूं, जिन पर समझौता नहीं किया जा सकता है.’
नहीं बताया ऑफर देने वाले विपक्षी नेता का नाम
हालांकि, गडकरी ने ऐसे किसी नेता का नाम नहीं बताया, जिसने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का ऑफर दिया था. बहरहाल, गडकरी के बयान के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने जरूर प्रतिक्रिया दी है. संजय राउत ने रविवार को इस पर कहा- “नितिन गडकरी भाजपा के सबसे सर्वमान्य नेता हैं और मुझे नहीं लगता कि किसी ने उनसे प्रधानमंत्री पद के लिए पैरवी करने को कहा होगा.”
राउत ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर कोई मौजूदा सरकार में रहते हुए भी इस देश के मूल्यों, लोकतंत्र, न्यायपालिका और स्वतंत्रता से नहीं जुड़ता है, तो यह राष्ट्रीय अपराध है. नितिन गडकरी ने हमेशा इन सबके खिलाफ बोला है, आवाज उठाई है और अपने विचार व्यक्त किए हैं”.
– भारत एक्सप्रेस