
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा (Post Poll Violence) से जुड़े मामलों की सीबीआई जांच में आज पहली बार किसी मामले में दोषसिद्धि हुई है. 9 साल की एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार के मामले में आरोपी रफीकुल इस्लाम उर्फ बेलू, जो कि मालदा के एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक हैं, को अदालत ने दोषी करार दिया है.
यह मामला 4 जून 2021 का है, जब विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी. हत्या, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास के अनेक मामलों के चलते कलकत्ता हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने 19 अगस्त 2021 को आदेश दिया कि हत्या और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जाए.
सीबीआई ने देशभर से अधिकारियों की विशेष टीमें बनाकर इन मामलों की जांच शुरू की और कई मामलों में चार्जशीट दाखिल की. पीड़िता के साथ दुष्कर्म का यह मामला मालदा जिले के मानिकचक थाना क्षेत्र से जुड़ा है. जांच में सामने आया कि 9 वर्षीय बच्ची को आरोपी ने पैसे का लालच देकर अपने आम के बागान में बुलाया और वहां दुष्कर्म किया. इस पूरी घटना को पीड़िता की 10 वर्षीय चचेरी बहन ने देखा, जो इस मामले की चश्मदीद गवाह बनी.
4 जुलाई को होगा सजा का ऐलान
2 जुलाई 2025 को मालदा की विशेष POCSO अदालत (अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, द्वितीय) ने आरोपी को POCSO अधिनियम की धारा 6 और IPC की धारा 376AB के तहत दोषी ठहराया. सजा की घोषणा 4 जुलाई 2025 को की जाएगी.
इस ऐतिहासिक फैसले में सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्री अमिताभ मैत्रा ने पक्ष रखा. यह पश्चिम बंगाल की चुनाव बाद हिंसा से जुड़े मामलों में पहला ऐसा केस है जिसमें न केवल ट्रायल पूरा हुआ, बल्कि आरोपी को दोषी भी ठहराया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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