सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दक्षिण अफ्रीका से आये चीतों को पिंजरों से मुक्त किया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में चीता की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कड़ी फिर से जुड़ गई है. यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से ही संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि अब 20 चीते हो जाने से एशिया में कूनो सेंचुरी आकर्षण का केन्द्र बनेगी. मुख्यमंत्री चौहान ने सेंचुरी में दक्षिण अफ्रीका से आये 12 चीतों में से 2 चीता को पिंजड़े से मुक्त किया. इस दौरान, केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह की मौजूदगी रही. मुख्यमंत्री ने जैसे ही पिंजरे से चीते को छोड़ा, वह बाड़े में विचरण करने लगा. क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें स्वछंद विचरण के लिए आजाद किया जायेगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो सेंचुरी में चीता प्रोजेक्ट लाकर बहुत बड़ी सौगात दी है. उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री का ह्रदय से आभार मानता हूँ. उन्होंने कहा कि आज दक्षिण अफ्रीका से आये 12 चीतों से कूनो सेंचुरी में 20 चीते हो गये हैं. मैं केन्द्रीय वन मंत्री यादव को भी धन्यवाद देता हूँ.” मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में आये 8 चीते प्राकृतिक जीवन जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पर्यावरण को बचाने की सोच के साथ हमें सभी वन्य-प्राणियों को बचाना है. उन्होंने कहा कि कूनो पालपुर में चीता आने से पर्यावरण-संरक्षण के साथ टूरिज्म भी तेजी से बढ़ेगा. आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेगी. यहाँ रेस्तरां, होटल, होम स्टे आदि अधो-संरचना विकास कार्य रहे हैं.
केन्द्रीय वन मंत्री यादव ने कहा कि कूनो में चीते छोड़ कर भारत में बहुआयामी उदाहरण प्रस्तुत किया है. पहले चरण में अफ्रीका के नामीबिया से लाये गये चीते छोड़े गये थे, चीता प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में आज महाशिवरात्रि पर दक्षिण अफ्रीका से लाये गये 12 चीते छोड़ कर चीता प्रोजेक्ट का दूसरा भाग शुरू हुआ है. नामीबिया से आये चीते बड़े बाड़े में पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
केन्द्रीय वन मंत्री यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने यहाँ 450 चीता मित्र बना कर इस परियोजना को आगे बढ़ाया है. पेड़ काटने वाले लोगों ने कुल्हाड़ी छोड़ कर वन बचाने का संकल्प लिया है, इससे पर्यावरण बचेगा. कूनो में स्व-सहायता के प्रोजेक्ट देखने को मिले हैं. यहाँ की टीम ने चीता प्रोजेक्ट के अनुशासन का जिस तरह पालन किया है, उसके लिये टीम धन्यवाद की पात्र है. उन्होंने वायुसेना के वॉलेंटियर अफसरों का भी आभार माना, जो पर्यावरण-संरक्षण के विजन में पूरा सहयोग कर रहे हैं.
केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिये प्रसन्नता का विषय है कि सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में चीते छोड़ कर अपना जन्म-दिवस मनाया था. पहले छोड़े गये सभी 8 चीतों का स्वतंत्र जीवन भी हमारे लिए गर्व की बात है. तोमर ने कहा कि हर साल कूनो सेंचुरी में 12 चीते आयेंगे.
कूनो नेशनल पार्क में चीता रिलीज कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने चीता इंक्लोजर का भ्रमण भी किया. दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्लोब मास्टर सी-17 वायुयान से रक्षा मंत्रालय ग्वालियर के हवाई अड्डे और फिर वहाँ से वायुसेना के 4 चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क लाया गया.
कूनो पहुँचे मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चीता मित्रों से किया संवाद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्क में चीता मित्रों से संवाद करते हुए कहा कि ग्रामीणों की प्रसन्नता बता रही है कि चीता आने से लोग उत्साहित है. चीता आने से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगें. मुख्यमंत्री ने चीता रिलीज कार्यक्रम से पूर्व श्योपुर में विकास यात्रा के दौरान चीतों एवं वन्य-जीवों तथा वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा का संकल्प लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष कुल्हाड़ी एवं तीर-कमान समर्पित करने वाले ग्रामीणों के प्रतिनिधि-मंडल एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं से भी चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने चीता मित्रों से संवाद में चीतों की सुरक्षा के लिए चीता मित्रों द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि साशा चीता के अस्वस्थ होने पर कराहल की जनता द्वारा उसके स्वास्थ्य में सुधार के लिए पूजा-अर्चना एवं भजन-कीर्तन किया जाना बताता है कि लोग इन चीतों से कितना प्रेम करते हैं. चीता मित्र चेतन भारद्वाज ने चीतों पर केन्द्रित कविता एवं श्योपुर गान सुनाया, जिसकी मुख्यमंत्री ने प्रंशसा की. भारद्वाज ने कूनो नदी के गोल पत्थर पर बनाई चीता पेंटिंग भी भेंट की. चीता मित्र रानी आदिवासी ने भी मुख्यमंत्री को चीतों की सुरक्षा के प्रति आस-पास के गाँव में चलाये जा रहे वातावरण निर्माण कार्यक्रम से अवगत कराया.
कुल्हाड़ी एवं तीर-कमान समर्पित करने वाले ग्रामीणों से भी की चर्चा
मुख्यमंत्री चौहान ने पार्क के विश्राम गृह परिसर में कुल्हाड़ी एवं तीर-कमान त्याग कर जंगल, वन्य-जीव बचाने का संकल्प लेने वाले ग्रामीणों के प्रतिनिधि-मंडल से चर्चा की. उन्होंने ग्रामीणों द्वारा लिये गये निर्णय की प्रशंसा करते हुए पर्यावरण बचाने की दिशा में लिये गये संकल्प के लिए बधाई दी. आज मुख्यमंत्री चौहान जब कूनो आये तो शपथ लेने वाले ग्रामीणों के प्रतिनिधि-मंडल ने भेंट कर चीता प्रोजेक्ट के लिए कूनो नेशनल पार्क को चुने जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति आभार जताया.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाये गये चीतों के कूनो नेशनल पार्क में प्रतिस्थापन के बाद पूरे क्षेत्र में वन्य-जीव, वन एवं पर्यावरण-संरक्षण के प्रति लोगों में चेतना बढ़ी है. दक्षिण अफ्रीका से आज लाये गये 12 चीतों को मुख्यमंत्री चौहान द्वारा पार्क में रिलीज करने की खबर से लोगों का उत्साह और बढ़ गया.
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने भेंट की जड़ी-बूटी की राखी
मुख्यमंत्री चौहान ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं से भी चर्चा की. मुख्यमंत्री को समूह की महिलाओं ने जड़ी-बूटी से बनी रखी भेंट कर उनके सदैव स्वस्थ रहने की कामना की. महिलाओं ने मुख्यमंत्री चौहान को लाड़ली बहना योजना लागू करने के लिए धन्यवाद दिया और भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में रक्षा-सूत्र बांधा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों ने जो राखी अपने भाई को दी है, वो सीएम हाउस में लगाई जायेगी. मुख्यमंत्री चौहान, केन्द्रीय वन मंत्री यादव, केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर एवं मध्यप्रदेश के वन मंत्री डॉ. शाह को स्मृति-चिन्ह के रूप में चीतों की तस्वीर भेंट की गई.
-भारत एक्सप्रेस
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