सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो फाइल)
UP News: विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नई FDI पॉलिसी लाने जा रही है. इसी के साथ उन बड़ी कम्पनियों को रियायत देने की भी ठानी है, जो चीन जैसे देश को छोड़कर यूपी में आना चाहती हैं. यूपी सरकार की नई पॉलिसी को लेकर इंडस्ट्री विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी कि, इस पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार हो गया है और इसे जल्द ही कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि दुनिया की बड़ी कंपनियों को प्रदेश में निवेश करने के लिए आकर्षित करने के लिए नई पॉलिसी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों को कई तरह की रियायतें देने की भी घोषणा की जाएगी. उन्होंने ये भी जानकारी दी कि सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हाल ही में एक बैठक हुई है, जिसमें नई पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को लेकर चर्चा हुई थी. फिलहाल जानकारी सामने आ रही है कि सुझाए गए कुछ बदलावों के बाद पॉलिसी को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा.
चीन छोड़कर भारत में यूनिट लगाना चाहती हैं कई कम्पनियां
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, यूपी सरकार विदेश की फॉर्च्युन-500 जैसी की बड़ी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नई एफडीआई पॉलिसी लाने जा रही है. बता दें कि प्रदेश सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी पहले से ही मौजूद है, लेकिन विदेशी कम्पनियों को आकर्षित करने और सहूलियत देने के लिए सरकार नई एफडीआई पॉलिसी लाने जा रही है. वजह साफ है, अमेरिका-चीन ट्रेडवॉर के बाद कई विदेशी कंपनियां चीन छोड़कर भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की इच्छुक हैं. चूंकि चीन में कंपनियों के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके दिया गया है. तो इसी के साथ ही कई तरह की और रियायतें भी दी जाती हैं. ऐसे में कंपनियां चाहती हैं कि ऐसी ही सुविधाएं उन्हें उत्तर प्रदेश में भी मिलें. इसी कारण यूपी सरकार नई पॉलिसी लाकर ऐसी कंपनियों का निवेश यूपी में लाने की तैयारी कर रही है. इसी के साथ योगी सरकार कम्पनियों को लेकर तमाम बातें ध्यान में रख रही है. इसी को लेकर लैंडलॉक होने की स्थिति में भी मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी मिल सके, जिससे कंपनियों को पोर्ट तक अपना सामान पहुंचाने में किसी भी तरह की समस्या न हो.
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पॉलिसी में इन सुझावों को शामिल करने की सामने आई है जानकारी
मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी में विदेशी कम्पनियों को आकर्षित करने के लिए जो पॉलिसी बनाई जा रही है, उसमें कंपनियों को स्टांप ड्यूटी, कैपिटल सब्सिडी, इंटररेस्ट सब्सिडी दिए जाने के साथ-साथ एक्सपोर्ट में भी कुछ रियायतें देने का सुझाव दिया गया है. बता दें कि आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह नई पॉलिसी को लेकर कई बार इंडस्ट्री के सीनियर अधिकारियों और मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधियों का सुझाव जानने के लिए तमाम बैठकें आहुत कर चुके हैं. इस नई पॉलिसी का एकमात्र उद्देश्य ऐसी कंपनियों को न केवल भारत बल्कि खासतौर से उत्तर प्रदेश के लिए आकर्षित करना है, जो बड़ी कंपनियां हैं और अपनी एक्सपोर्ट यूनिट प्रदेश में खोलना चाहती हैं. तमाम ऐसी कंपनियों ने यूपी में निवेश के लिए इच्छा प्रकट की है. इसीलिए नई पॉलिसी को इस तरह बनाया जा रहा है ताकि विदेशी कम्पनियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े. खबरों के मुताबिक नई पॉलिसी में जमीन को लेकर भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को आसानी से जमीन मिल सके. एक तरह की कंपनियों के लिए कलस्टर बनाने का प्रावधान भी पॉलिसी में किए जाने की बात सामने आ रही है. इसी के साथ इस नई पॉलिसी में उन सुझावों को शामिल करने की बात सामने आ रही है, जो सुझाव प्रदेश सरकार के अधिकारियों को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले किए गए विदेश दौरे में विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों से प्राप्त हुए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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