मंत्री दयाशंकर सिंह ( फोटो सोशल मीडिया)
UP News: उत्तर प्रदेश (UP) के बलिया जिले से लेकर वाराणसी जिले में लगातार हो रही मौतों पर योगी सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह का अजीबोगरीब बयान दिया है. इस सम्बंध में उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि बलिया में होने वाली मृत्यु की मॉनिटरिंग की जा रही है. साथ ही वह बोल रहे हैं कि गर्मी में वैसे भी मृत्युदर बढ़ जाती है. इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है.
पिछले एक हफ्ते में बलिया और वाराणसी में अचानक मौत के आंकड़े बढ़े हैं, जिसने लोगों को चिंतित कर दिया है. जिला चिकित्सालय में लगातार मरीज बढ़ रहे हैं तो मौते भी हो रही हैं. इसी दौरान परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का चौंका देने वाला बयान सामने आया है. दयाशंकर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि गर्मी के समय में मृत्यु दर बढ़ जाती है. इसके पहले भी गर्मी के मौसम में ऐसा होता रहा है. ऐसा नहीं है कि केवल इसी के कारण से हो रहा है. मंत्री ने कहा कि उसमें केवल बुजुर्ग लोग जो 60-70 साल के ऊपर के रोगी हैं. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में सरकार की ओर से जो भी व्यवस्था है, लोगों की देखरेख की जा रही है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित जिला अस्पताल में 15 जून से 18 जून तक कम से कम 69 लोगों की मौत हो चुकी है. इसकी वजह हीटवेव को माना जा रहा है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से इन मौतों की वजह हीटवेव से होने की पुष्टि नहीं की है. इसी तरह वाराणसी के दो सरकारी अस्पताल पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय और श्री शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में हीटवेव की चपेट में आए करीब 250 लोगों के इलाज कराने के लिए पहुंचने की खबर सामने आ रही है. इसी के साथ ये भी जानकारी सामने आ रही है कि यहां 15 लोगों की मौत भी हो गई है. दूसरी बड़ी खबर काशी से ये भी है कि अचानक बढ़ी मौतों के कारण यहां महाश्मशान घाट पर लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. हालांकि यहां भी जिला प्रशासन ने अभी तक मौतों की वजह को हीटवेव से होने की पुष्टि नहीं की है.
बलिया की मौतों की जांच कर रहे हैं दो निदेशक स्तर के अधिकारी
वहीं बलिया में हुई मौतों की जांच के लिए दो निदेशक स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है. दोनों अधिकारी रविवार को जिला चिकित्सालय पहुंचे है, जिसमें एक निदेशक संचारी और एक निदेशक चिकित्सा उपचार शामिल हैं.
पीने वाले पानी की होगी जांच
निदेशक संचारी एके सिंह ने मीडिया को बताया कि अगर यह सीरियसनेस दो दिन में हो रही है, तो क्या वजह है. एके सिंह ने कहा कि अभी तक जितने मरीज को देखा, उन्होंने सबसे पहले सीने में दर्द की शिकायत की है. इसके बाद उनको बुखार हुआ है और फिर सांस फूलने लगी तो यह लक्षण के साथ हम जांच करेंगे. ब्लड, यूरीन और सिरम की जांच होगी और कुछ डायरिया के मरीज हैं, उनके स्टूल की भी हम लोग जांच करेंगे. यह सब टेस्ट होने के बाद यह कोशिश करेंगे कि रिपोर्ट जल्दी से आ जाए.
-भारत एक्सप्रेस
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