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मानव विकास पर बड़ा संकट, यूएनडीपी की रिपोर्ट में चेतावनी, 10 में से 9 देश मानव विकास में पिछड़े

मानक विकास पर बड़ा संकट, यूएनडीपी की रिपोर्ट में चेतावनी, 10 में से 9 देश मानव विकास में पिछड़े

मानक विकास पर बड़ा संकट, यूएनडीपी की रिपोर्ट में चेतावनी, 10 में से 9 देश मानव विकास में पिछड़े

जेनेवा- संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम(यूएनडीपी) ने गुरुवार की एक रिपोर्ट के जरिए दुनिया को बड़ी चेतावनी दी है. यूएनडीपी ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि कई संकटों की वजह से 10 में से 9 देश मानव विकास में अभी भी बहुत पीछे है.यूएनडीपी के प्रमुख अचिम स्टेनर ने कहा, “दुनिया के देश संकटों का जवाब देने के लिए हाथ –पांव मार रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया गहरे संकट की ओर तेजी से बढ़ रही है. भविष्य में हमारे सामने जो परेशानियां, चुनौतियां बनकर खड़ी होंगी हम उसकी ज़ड़ों से निपटने में बिल्कुल भी सक्षम नही होंगें. विश्व को चेतावनी देती इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय पूरी दुनिया आर्थिक संकट औऱ चीजों के अभाव के कारण अन्याय की ओर बढ़ रही है.

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 2 सालों में दुनिया के अरबों लोगों पर गहरा विनाशकारी असर पड़ा है. कोविड-19 जैसी महामारी औऱ उसके बाद यूक्रेन-रुस के युद्ध ने पूरी दुनिया की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को बदल के रख दिया है.

बता दें 32 सालों में पहली बार यूएनडीपी मानव विकास का सर्वे कर रहा है. मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में लगातार पिछले दो साल से ग्लोबल लेवल में गिरावट आई है. लगातार विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की दिशा में वापस पीछे लौटते हुए मानव विकास अपने 2016 के स्तर पहुंच गया है.

90 प्रतिशत देशों ने एचडीआई में देखी गिरावट

मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) की पिछली दो सालों की रिपोर्ट 2020-2021 में दुनिया के 90 प्रतिशत से ज्यादा देशों ने मानव विकास में गिरावट देखी है. यह गिरावट करीब 40 प्रतिशत दर्ज की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार कुछ देश अपने मौजूदा आर्थिक समस्या से उबरने की कोशिश कर रहै हैं. इस रिपोर्ट में दर्ज आकड़ों के मुताबिक लैटिन अमेरिका, कैरिबियन, उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया जैसे देश सबसे ज्यादा प्रभावित है. रिपोर्ट के प्रमुख लेखक यूएनडीपी के प्रेडो कॉन्सीकाओ ने कहा है कि “अनिश्चितता को नेविगेट करने के लिए हमें विश्व के मानव विकास को दोगुना करने के लिए हो रहे आर्थिक और स्वास्थय सुधार के आगे देखने की  जरुरत है.

-आईएएनएस

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