दिल्ली हाईकोर्ट
राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में बम की अफवाह फैलाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है. अदालत ने निर्देश दिया कि वह बम की आशंका की स्थिति में स्कूलों से बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में एक रिपोर्ट पेश करें.
अदालत ने पूछा है कि दिल्ली के कितने स्कूल हैं, जिसमें बम के धमकी मिली है और नोडल अधिकारियों ने क्या कार्रवाई की है. अदालत ने दिल्ली पुलिस से अपने जवाब में स्कूलों को मिले फर्जी कॉल की जांच के लिए की गई कार्रवाई के बारे में बताने को कहा है. 16 मई को मामले की अगली सुनवाई की जाएगी.
मालूम हो कि बीते 1 मई को दिल्ली एनसीआर के 100 से अधिक स्कूलों को एक ईमेल मिला था, जिसमें स्कूल परिसर में बम विस्फोट की चेतावनी दी गई थी. इसके बाद कई स्कूलों को खाली कराने के साथ छात्रों को घर भेज दिया गया था.
याचिका एक वकील द्वारा दायर किया गया था
यह याचिका वकील अर्पित भार्गव ने 2023 में मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में बम की अफवाह के बाद दायर की थी. पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया था कि उसने स्कूलों में सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही नही बरतने की नीति अपनाई गई है. उसके अधिकारी बम की धमकी सहित आपदाओं से निपटने के दिशानिर्देशों का प्रभावी कार्यवन्यन सुनिश्चित करने को लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.
शिक्षा निदेशालय (DoE) ने कोर्ट को बताया था कि उसने अपने संस्थानों को अपने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं. उसमें 16 अप्रैल के एहतियाती उपायों पर एक परिपत्र और बम की धमकी के मामलों पर स्कूल प्राधिकारियों की भूमिका भी शामिल है.
मामलें पर DoE का जवाब
DoE ने यह जवाब स्कूलों में बम धमकियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर दिया है. दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा गया था कि उसके अधिकारी इस तरह के बम के खतरों सहित किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने संबंधी दिशानिर्दशों एवं परिपत्रों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, बम की धमकी कानून व्यवस्था का मुद्दा है और विशेष रूप से पुलिस और आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित है. DoE ने स्कूलों को बम की धमकियों से निपटने के मुद्दे पर 16 अप्रैल को एक विशिष्ट परिपत्र जारी किया है. डीओई ने बताया था कि उसने स्कूलों के छात्रों एवं कर्मचारियों के लिए सुरक्षा योजना पर चर्चा करने के लिए पिछले महीने एक आपात बैठक बुलाई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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