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विदेश मंत्री जयशंकर ने बिगाड़ा अमेरिका के मुंह का स्वाद,कहा-मूर्ख बनाने की कोशिश ना करें

विदेश मंत्री जयशंकर की अमेरिका को दो टूक

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी गजब की डिप्लोमेसी दिखाते हुए अमेरिका के दोहरे चरित्र को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है.बल्कि उसके मुंह का ज़ायका खराब कर दिया है.भारतीय  विदेशमंत्री इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं.उन्होंने भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित किये गये एक कार्यक्रम में साफ तौर पर कहा कि अमेरिका दुनिया को बेवकूफ मत समझे.विदेश मंत्री ने कहा कि हम जानते हैं,’ अमेरिका ने F-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 450 बिलियन डॉलर की जो मदद पाकिस्तान को दी है,उस रकम को पाकिस्तान कहां खर्च करेगा.एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ मीटिंग से पूर्व कहा कि इससे अमेरिका को कोई फायदा नहीं होगा और इस फैसले से कोई बेवकूफ नहीं बनेगा.

एस जयशंकर की दो टूक

भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका कहता है कि कहना है कि पाकिस्तान को यह मदद आतंकवाद से लड़ने के लिए दी गई है. हालांकि हर कोई जानता है कि पाकिस्तान एफ-16 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किसके खिलाफ करता है. आप ऐसी बातें करके किसी को मूर्ख नहीं बना सकते हैं.

गले नहीं उतरी अमेरिका की सफाई

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने समकक्ष से इस मामले को लेकर अमेरिका से आपत्ति जताई थी. एस जयशंकर ने कहा, ‘अमेरिका के पाकिस्तान से रिश्तों से किसी भी देश का भला नहीं होने वाला है. इसलिए अमेरिका को यह सोचना चाहिए कि वह किससे रिश्ते रख रहा है और उससे उसे क्या लाभ होगा. कैसे उसके हितों की पूर्ति हो पाएगी.’पाकिस्तान को F-16 के रखरखाव के लिए 450 मिलियन डॉलर की मदद पर भारत के ऐतराज को लेकर अमेरिका सफाई देने पर मजबूर हो गया. अमेरिका का कहना था कि भारत के खिलाफ यह फैसला नहीं लिया गया है. इस मामले को यूक्रेन पर भारत के स्टैंड के खिलाफ नहीं देखा जाना चाहिए. अमेरिका ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के साथ उसकी दोस्ती के अलग-अलग आयाम है

ट्रंप सरकार ने कसे थे पेच

गौरतलब है कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ बाइडेन प्रशासन ने जो मदद फिर से बहाल की है,दरअसल ये मदद डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने 2018 में बंद कर दी थी.तत्कालीन अमेरिकी सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ लड़ाई का सिर्फ दिखावा करता है.उसने आतंकवाद को खत्म करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए हैं.पाकिस्तान सरकार इस धनराशि का बेजां इस्तेमाल करती है और आतंकियों को पालने में खर्च करती है.मतलब डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान पर से भरोसा उठ गया था.

भारत एक्सप्रेस

 

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