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Unrest in Leicester: फेक ट्विटर अकाउंट्स के जरिए भड़काए गए लीसेस्टर में दंगे, कई UK के बाहर से हुए ऑपरेट- रिपोर्ट में दावा

Leicester riots

लीसेस्टर दंगों के पीछे फेक अकाउंट्स की भूमिका- रिपोर्ट (फोटो- Screen grab from video)

Unrest in Leicester: इस साल की शुरुआत में यूके के बाहर से ऑपरेट किए फेक अकाउंट्स के एक नेटवर्क ने ब्रिटिश शहर लीसेस्टर में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच हिंसा को भड़काने का काम किया. ये अकाउंट्स यूके के बाहर से संचालित किए गए थे. रटगर्स यूनिवर्सिटी के नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, इस साल अगस्त-सितंबर की शुरुआत में लीसेस्टर में हुए दंगों के दौरान ट्विटर पर करीब 500 अप्रामाणिक (फेक) अकाउंट बनाए गए थे और इनके जरिए मीम्स के साथ-साथ भड़काऊ वीडियो पोस्ट किए गए.

फेक ट्विटर अकाउंट्स के जरिए भड़काए गए दंगे

वहीं, सोशल मीडिया पर मस्जिदों में आग लगाने और अपहरण के दावों से भरे वीडियो खूब शेयर किए जा रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने चेतावनी जारी किया कि लोग इन गलत सूचनाओं पर यकीन न करें. शोधकर्ताओं ने कहा है कि कई ट्विटर अकाउंट्स जिन्होंने हिंसा को भड़काने का काम किया, वे यूके के बाहर के थे. लीसेस्टर में दंगों के बाद हिंदू और मुसलमान समुदाय के नेताओं ने सद्भावना अपील की है थी. जबकि, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हुई हिंसक झड़पों के मामले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया था.

शोधकर्ताओं ने कहा कि हिंदुत्ववादी हिंदुओं को मुस्लिमों पर हमला करते हुए दिखाने वाले एक वीडियो ने हिंसा को हवा दी, जिसे स्थानीय और राजनीति से प्रेरित एक्टिविस्टों ने और बढ़ाने का काम किया. लीसेस्टर के मेयर पीटर सोल्स्बी के अनुसार, अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों ने इन टकरावों को हवा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कई मीडिया रिपोर्ट्स और हिंसा में शामिल जिनमें 21 वर्षीय एडम यूसुफ भी था, उसने जज को बताया कि वह सोशल मीडिया से प्रभावित था और प्रदर्शन के लिए चाकू लेकर पहुंचा था.

लीसेस्टर में क्या हुआ था?

27 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के बाद सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए, कुछ दंगाइयों ने लाठी-डंडे लिए और कांच की बोतलें फेंकी जिसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को तैनात किया गया था. लीसेस्टरशायर पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा के दौरान घरों, कारों और धार्मिक कलाकृतियों को नुकसान पहुंचाया गया और यह उपद्रव हफ्तों तक चला. इस मामले में 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

भारतीय उच्चायोग ने हिंदुओं पर हमले की निंदा की

भारतीय उच्चायोग ने इस हिंसा की निंदा करते हुए लिखा, “हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ की गई हिंसा और हिंदू धर्म के परिसरों और प्रतीकों में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं. हमने इस मामले को ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ मजबूती से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.”

-भारत एक्सप्रेस

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