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काव्यांजलि: ‘नीरज सम्मान समारोह’ की शुरुआत, पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा और फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने किया दीप प्रज्ज्वलित

‘नीरज सम्मान समारोह’ का आयोजन भारत एक्‍सप्रेस के चेयरमैन, एमडी एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय और गोपाल दास नीरज के पुत्र मृगांक प्रभाकर की ओर से किया जा रहा है.

Gopal Das Neeraj

दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की हुई शुरुआत.

कवि, गीतकार और लेखक गोपाल दास ‘नीरज’ की छठी पुण्यतिथि के मौके पर राजधानी स्थित प्रेस क्लब में  ‘काव्यांजलि’ और ‘नीरज सम्मान समारोह’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें फिल्मी जगत और राजनीति से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हुईं. भारत एक्‍सप्रेस के चेयरमैन, एमडी एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.

दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत पद्मश्री कवि सुरेंद्र शर्मा, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग और फिल्म निर्माता बोनी कपूर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस दौरान मंच पर भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय, फिल्म अभिनेता अन्नू कपूर के अलावा पटकथा लेखक तथा फिल्मकार रूमी जाफरी, जेडीयू के नेता केसी त्यागी भी मौजूद रहे.

गोपालदास ट्रस्ट के संरक्षक है सीएमडी उपेंद्र राय

बता दें कि ‘काव्यांजलि’ और ‘नीरज सम्मान समारोह’ का आयोजन भारत एक्‍सप्रेस के चेयरमैन, एमडी एवं एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय और गोपाल दास नीरज के पुत्र मृगांक प्रभाकर की ओर से किया गया. कार्यक्रम के आयोजन में प्रेस क्लब के अलावा हिंदी अकादमी और महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट भी शामिल रहे. सीएमडी उपेंद्र राय इस ट्रस्ट के संरक्षक हैं.


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सीएमडी उपेंद्र राय की ओर से महाकवि गोपाल दास ‘नीरज’ की स्मृति में पहले भी कार्यक्रम कराए गए हैं. विगत वर्ष उन्‍होंने काव्यांजलि सम्मान समारोह के दौरान अभिनेता अन्नू कपूर को गोपालदास नीरज पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया था.

कौन हैं गोपाल दास नीरज

गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ का जन्म 4 जनवरी 1925 को इटावा जिले के ब्लॉक महेवा के पास पुरावली गांव में हुआ था. हिंदी सिनेमा के लिए उनके द्वारा लिखे गीत बेहद लोकप्रिय रहे. उन्होंने प्रेम पुजारी (1970) फिल्म का ‘लिखे जो खत तुझे’, ‘रंगीला रे तेरे रंग में’, चंदा और बिजली (1970) फिल्म का ‘काल का पहिया घूमे रे भइया’, पहचान (1971) फिल्म का ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं’ और मेरा नाम जोकर (1972) का ‘ए भाई! जरा देख के चलो’ जैसे यादगार गीत लिखे हैं.

1991 में उन्हें पद्मश्री और 2007 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था. 1994 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने ‘यश भारती पुरस्कार’ दिया. नीरज को विश्व उर्दू पुरस्कार से भी नवाजा गया. उनका निधन 19 जुलाई 2018 को हुआ था.

-भारत एक्सप्रेस

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