सगे भाई-बहन बने डिप्टी कलेक्टर
कहते हैं कि अभावों में पलने वाले बच्चे ही आगे चलकर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल करते हैं.ये खबर प्रयागराज से है.ये एक ही परिवार के दो भाइयों की सफलता की कहानी है.दोनों ने PCS परीक्षा पास कर ली है. गांव में इन दोनों की सफलता के चर्चे हैं. ये दोनों डिप्टी कलेक्टर बन चुके हैं. दोनों कलेक्टर सगे भाई-बहन हैं. भाई ने तीसरी कोशिश में सफलता हासिल की, जबकि बहन ने पहली ही कोशिश में सफलता पाई.
दरअसल, सबसे खास बात यह है कि ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखने वाले संध्या और विवेक ने बगैर किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के जरिए यह मुकाम हासिल किया है. वहीं विवेक और संध्या के माता-पिता गांव में रहते हैं और एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं.
मेरा सपना हुआ पूरा
बच्चों की कामयाबी से पिता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. कृष्ण कुमार सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को डिप्टी कलेक्टर बनाने का जो सपना देखा था वह सपना उनका आज पूरा हो गया वहीं मां प्रतिमा सिंह कहना है कि उनकी 3 बेटियां हैं और 1 बेटा है. उन्होंने बेटी और बेटे में कभी कोई फर्क नहीं समझा, वहीं डिप्टी कलेक्टर बनी संध्या सिंह का कहना है कि अपने क्षेत्र की लड़कियों के लिए एक मिसाल पेश करना चाहती हैं कि बच्चियां पढ़ाई करें और उनकी तरह बनें.
दोनों भाई-बहनों ने सफलता की कहानी बयाँ करते हुए कहा कि तैयारी के समय दोनों एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करने के साथ साथ एक दूसरे की हौसला अफज़ाई करते थे. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वे UP PCS की परीक्षा में जरुर सफल होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग तैयारी करते हैं, वह पूरे मनोयोग से तैयारी करें तो जरुर उन्हें सफलता हासिल होगी.