Why did this industrialist from Meerut seek euthanasia, wrote a letter to the Chief Minister and the Prime Minister
मेरठ– मजबूत कूलर और बेहतरीन रेफ्रिजरेटर तैयार करने वाली कंपनी बीको इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के मालिक पीके जैन ने अपने लिए इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को बाकायदा एक पत्र लिखा है.खत में उन्होंने अपने मौजूदा हालात और तकलीफ को बयाँ करते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है।मेरठ में ये खबर जंगल में आग की तरफ फैल रही है . साथ ही तब से जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं.उन्हें तकलीफ इस बात की है कि मौजूदा सरकार में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है और बैंक अपनी मनमानी पर उतारू हैं.
क्या है ये पूरा मामला,जरा इसे जानें
बैंक पर मनमानी का आरोप
उद्योगपति जैन का कहना है कि एक समय ऐसा था जब वह करोड़ों रुपये टैक्स के रूप में सरकार को देते थे लेकिन जब उनकी स्थिति खराब हुई तो अब उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। बैंक उनकी करोड़ों की संपत्ति को औने पौने दामों में बेच रही है। उन्होंने बताया कि उन पर 15 करोड़ 50 लाख का कर्ज है। इस मामले में 2016 में उनके खाते को बैंक ने नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स के तौर पर घोषित कर दिया गया था। कोरोनाकाल के समय में उनकी दो संपत्तियां जो कि दरियागंज और परतापुर में थी उसे भी बैंक ने बेच दिया था। जैन कहते हैं कि उनकी संपत्ति लगभग चार करोड़ की थी लेकिन बैंक ने उसे डेढ़ करोड़ में ही बेच दिया था।
बैंक संपत्ति बेच कर ब्याज काट रहे हैं
उनका कहना है कि बैंक जो भी संपत्ति बेच रहा है वह उसे मूल में जमा करने के बजाय ब्याज में काट रहा है. उन्हें सबसे बड़ा सदमा इसलिए लगा है कि उनकी 14 करोड़ की फैक्ट्री जो कि रुड़की में है, उसे भी बैंक ने कबाड़ियों के हाथों बेच दिया है। उनकी 14 करोड़ की संपत्ति को आठ करोड़ रुपये में बेच दिया गया। उसमें करीब 250 लोग काम करते थे लेकिन अब सब बेरोजगार हैं। अब उनके मेरठ के घर और शारदा रोड स्थित शोरूम पर भी बैंक की नजर पड़ चुकी है।
जोनल ऑफिस तक चक्कर काटे
उन्होंने कहा कि बैंक मैनेजर से लेकर जोनल ऑफिस तक चक्कर काटे लेकिन बैंक ने ओटीएस देने से मना कर दिया है। अब वह हताश हो चुके हैं अब वह निराश हो कर इच्छामृत्यु की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उद्यमियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सब दिखावेबाजी होती है। उन्होंने स्थानीय नेताओं से भी संपर्क किया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और ना ही किसी ने कोई मदद की।
-भारत एक्सप्रेस
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