बिहार के मंत्री कार्तिक कुमार ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है..राज्य में नयी सरकार के बनने के बाद से ही कार्तिक कुमार विवादों में आ गये थे..बता दें कि जिस दिन बिहार में गठबंधन के विधायक शपथ ले रहे थे उसी दिन ये विवाद शुरू हुआ..कार्तिक कुमार अपराधिक छवि के नेता हैं जिनका संबंध आरजेडी से है।असल में जिस दिन ये कानून मंत्री के तौर पर मंत्री पद की शपथ ले रहे थे,उसी दिन इनको किडनैपिंग के एक मामले में दानापुर कोर्ट में पेश होना था,लेकिन ये पेश नहीं हुए..
बीजेपी तभी से इस मुद्दे पर हमलावर है और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने तो यहां तक कहना शुरू कर दिया कि बिहारर में जंगल राज फिर से लौट आया है..बीजेपी के हमलावर रुख से खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी असहज महसूस कर रहे थे । खासकर नीतीश के नए मंत्रीमंडल में शामिल कई विधायकों की आपराधिक छवि पर बीजेपी नेताओं ने जमकर हंगामा किया। इन आपराधिक छवि वाले मंत्रियों में आरजेडी के नेता कार्तिक कुमार काफी चर्चा में हैं। कार्तिक कुमार 2014 में बिहटा के अपहरण कांड को लेकर बुरी तरह से घिर चुके हैं। इस केस में 1 सितंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। राजनीतिक दबाव के चलते पहले उनका मंत्रालय बदला गया लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
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