

दिल्ली हाईकोर्ट ने बौद्धिक संपदा से जुड़े एक मामले में बार-बार अगली तारीख मांगने पर केंद्र सरकार पर ₹20,000 का हर्जाना लगाया है. कोर्ट ने यह जुर्माना सेना केंद्रीय कल्याण कोष में जमा करने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने नीरज गुप्ता बनाम पेटेंट और डिजाइन विभाग मामले की सुनवाई करते हुए दिया. कोर्ट ने कहा कि यह राशि चार सप्ताह के भीतर जमा की जाए और अगली सुनवाई की तारीख 6 अगस्त 2025 तय की, जो कि हर्जाने की राशि जमा होने पर ही मान्य होगी.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने बताया कि उन्होंने लिखित जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन संबंधित प्राधिकारी से उन्हें अभी तक कोई विशेष निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए एक और तारीख दी जाए. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि पहले भी तीन बार इसी प्रकार की स्थगन की मांग की जा चुकी है.
जस्टिस बनर्जी ने कहा कि “न्याय के हित में एक आखिरी मौका दिया जा रहा है, लेकिन अब बिना जिम्मेदारी तय किए समय नहीं दिया जा सकता.” कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई हर्जाना राशि जमा किए जाने की शर्त पर ही होगी.
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