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इन दो फिल्मों की वजह से क्यों मचा विवाद? दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

अदालत ने यह निर्देश दृष्टिबाधित सुमन भोकरे की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है, जिन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 15 मार्च को जारी श्रवण एवं दृष्टि बाधितों के लिए सिनेमा थियेटरों में फीचर फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन में सुगम्यता मानकों संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करवाने की मांग की है.

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने 14 सितंबर के बाद रिलीज होने वाली फिल्मों में श्रवण एवं दृष्टिबाधितों के लिए सुगम्यता संबंधी दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. जस्टिस संजीव नरूला की ओर याचिका पर सुनवाई कर रही है. कोर्ट 21 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करेगा.

केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन हो: याची

अदालत ने यह निर्देश दृष्टिबाधित सुमन भोकरे की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है, जिन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) के 15 मार्च को जारी श्रवण एवं दृष्टि बाधितों के लिए सिनेमा थियेटरों में फीचर फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन में सुगम्यता मानकों संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करवाने की मांग की है. दिशानिर्देश के तहत एक से अधिक भाषाओं में प्रमाणित फीचर फिल्मों का 14 सितंबर से श्रवण एवं दृष्टि बाधितों की सुविधा के लिए ‘सबटाइटल’ दिखाने या ऑडियो विवरण देने समेत कम से कम एक सुगम्यता फीचर उपलब्ध कराना आवश्यक है.


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दक्षिण की फिल्मों पर लगे ये आरोप

याचिकाकर्ता के वकील ने फिल्म दिखाए जाने के दौरान दिव्यांगजन के लिए अनिवार्य सुगम्यता सुविधाओं (Mandatory Accessibility Features) संबंधी अदालती आदेश का पालन नहीं किए जाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि 14 सितंबर के बाद रिलीज हुई फिल्म ‘वेत्तैयन’ और ‘मार्टिन’ में अनिवार्य सुगम्यता सुविधाओं को पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्मों को ऐसी ‘एक्सेसिबिलिटी एप्लीकेशन’ पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए जो सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य हो. यह सीबीएफसी (CBFC) द्वारा प्रमाणित फिल्मों में अनिवार्य सुगम्यता सुविधाएं प्रदान करे. सीबीएफसी के वकील ने कहा कि दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सिनेमाघरों को दो साल के भीतर सुगम्यता सुविधाएं प्रदान करनी होंगी.

-भारत एक्सप्रेस

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