
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने आतिशी, निर्वाचन अधिकारी, भारतीय चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच 30 जुलाई को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया है. यह याचिका कमलजीत सिंह दुग्गल और आयुष राणा ने अधिवक्ता टी सिंहदेव के माध्यम से दायर की गई है.
याचिका में मांग की गई है कि इस सीट पर चुनाव को अमान्य घोषित किया जाए. याचिका में दावा किया गया है कि आतिशी और उनके चुनाव एजेंटों ने चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण अपनाया, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123 के तहत अपराध माना जाता है. वही मामले की सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग और निर्वाचन अधिकारी की ओर से पेश वकील ने याचिकाकर्ता द्वारा पक्षकार बनाए जाने पर आपत्ति जताई है.
निर्वाचन आयोग की आपत्ति
याचिकाकर्ता कालकाजी क्षेत्र के रहने वाले दो मतदाताओं ने दायर की है. इतना ही नही याचिका में आतिशी पर कई आरोप लगाए गए है. याचिका में कहा गया है कि आतिशी से जुड़े लोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लाए गए कैश के साथ पकड़े गए, उनके इशारे पर बीजेपी उम्मीदवार की छवि खराब कर चुनाव को प्रभावित करने के लिए फर्जी वीडियो जारी किया गया.
आतिशी ने बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को 3521 मतों के अंतर से हराया था. आतिशी को कुल 52154 वोट मिले थे, जबकि बिधूड़ी को 48633 वोट मिले थे. वही कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा तीसरे नंबर रहीं और उन्हें केवल 4392 वोट मिले थे. आतिशी ने 2020 में पहली बार कालकाजी से चुनाव जीता था और 2025 में भी इस सीट पर अपनी जीत बरकरार रखा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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