Bharat Express

CAG रिपोर्टों को उपराज्यपाल के पास भेजने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस भेज कर मांगा जवाब

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में याचिका दायर की थी, जिसमें दिल्ली सरकार को शराब शुल्क, प्रदूषण और वित्त संबंधी कैग की 12 रिपोर्ट (CAG reports) उपराज्यपाल को भेजने के निर्देश देने की मांग की गई है.

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट. (फाइल फोटो)

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता (MLA Vijendra Gupta) और अन्य बीजेपी विधायकों की ओर से दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 9 दिसंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. दाखिल याचिका में दिल्ली सरकार को शराब शुल्क, प्रदूषण और वित्त संबंधी कैग की 12 रिपोर्ट (CAG reports) उपराज्यपाल को भेजने के निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखा जा सके.

उपराज्यपाल के पास नहीं भेजे गए CAG रिपोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में दावा किया गया है कि 2017-2018 से 2021-2022 तक की कैग रिपोर्ट मुख्यमंत्री आतिशी (CM Atishi) के पास लंबित है. उपराज्यपाल (Delhi Lt Governor) के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद दस्तावेज विधानसभा में पेश करने के लिए उनके पास नहीं भेजे गए है. सीएम आतिशी के पास वित्त विभाग भी है. वकील नीरज और वकील सत्य रंजन स्वैन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पूर्व में भाजपा विधायकों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क किया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.


ये भी पढ़ें: सलमान खान और विधायक जीशान सिद्दीकी को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में 20 वर्षीय युवक नोएडा से गिरफ्तार


राष्ट्रपति से तत्काल ध्यान देने का अनुरोध किया था

याचिका में कहा गया है कि जानकारी को जानबूझकर दबाना न केवल लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन है बल्कि सरकारी कार्रवाई और व्यय की उचित जांच को भी रोकता है, जिससे सरकार के वित्तीय स्वामित्व, पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठते है. इस साल 30 अगस्त को याचिकाकर्ता विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रपति को कम्युनिकेशन भेजकर उनसे रिपोर्टों के दमन पर तत्काल ध्यान देने का अनुरोध किया था, यह कहते हुए कि सीएजी संवैधानिक तंत्र का उल्लंघन कर रहा है.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read