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एचडीएफसी बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार

एचडीएफसी बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन को सुप्रीम कोर्ट से अभी राहत नहीं मिली है. वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़ी एफआईआर को रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले बॉम्बे हाईकोर्ट की सुनवाई का इंतजार करें.

Supreme Court
Edited by Akansha

वित्तीय धोखाधड़ी के कथित आरोपों का सामना कर रहे एचडीएफसी बैंक के सीईओ शशिधर जगदीशन को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नही मिली है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई होनी है. अगर उस दिन सुनवाई नही होती है तो आप सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि तीन हप्ते से अभी तक सुनवाई नहीं हो पाई है.

चार जजों ने सुनवाई से खुद को किया अलग

चार जजों ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. जिससे सुनवाई में देरी हो रही है. शशिधर जगदीशन ने दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी. वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट के इशारे पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, लिहाजा दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. सबसे पहले यह मामला जस्टिस ए एस गडकरी और जस्टिस राजेश पाटिल की बेंच के सामने गया.

जस्टिस पाटिल और जस्टिस सारंग ने खुद को किया अलग

लेकिन जस्टिस पाटिल ने केस की सुनवाई से पहले ही खुद को अलग कर लिया. उसके बाद यह मामला पहुंचा जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच के पास पहुंचा लेकिन उन्होंने भी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद यह मामला जस्टिस एम एस सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की बेंच के पास पहुंचा. लेकिन बेंच में मौजूद एक जज ने यह कहते हुए सुनवाई से खुद को अलग कर लिया कि उनके पास एचडीएफसी बैंक के कुछ शेयर है.

जगदीशन के खिलाफ FIR किया गया दर्ज

एक मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के बाद शशिधर जगदीशन के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 175 (3) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया हैं. इसमें चीटिंग, विश्वासघात और पब्लिक सर्वेंट द्वारा विश्वासघात जैसे आरोप लगाए गए हैं. कोर्ट ने पुलिस को वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के आदेश दिया था.

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने अपनी शिकायत में लगाया आरोप

लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसने ट्रस्टियों द्वारा गबन किए गए 14.42 करोड़ रुपए में से 2.05 करोड़ रुपए जगदीशन की मिले हैं. ताकि वह चेतन मेहता ग्रुप को ट्रस्ट की मैनेजमेंट में गैरकानूनी तरीके से नियंत्रण बनाए रखने में मदद कर सकें. बता दें कि ट्रस्ट ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

-भारत एक्सप्रेस 


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