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सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2025 परीक्षा में गलत आंसर को लेकर दायर याचिका को किया खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2025 में गलत उत्तरों को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता छात्र ने तीन प्रश्नों के गलत आंसर से रैंक गिरने का दावा किया था और जांच की मांग की थी.

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Edited by Akansha

सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2025 परीक्षा में गलत आंसर को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इसी तरह की याचिका को हमने दो दिन पहले ही खारिज किया था. यह एक जैसा मामला है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप सैद्धांतिक रूप से सही हो सकते हैं कि कई सही उत्तर हो सकते हैं.

जो पेपर दिया गया था उसमें थे चार विकल्प- वकील

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुझे जो पेपर दिया गया था. उसमें चार विकल्प थे, जिसके प्रश्न पर मैंने आपत्ति जताई है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह छात्रों के करियर के बारे में है. यह व्यक्तिगत मामला नहीं है. इससे बहुत से छात्र प्रभावित होंगे. याचिकाकर्ता ने कहा कि इसमें एक समिति का गठन किया जाए. कोर्ट ने कहा कि हम व्यक्तिगत परीक्षाओं से नही निपट सकते हैं. यह याचिका मथुरा के रहने वाले शिवम गांधी रैना ने दायर की थी.

3 सवालों के आंसर गलत होने के कारण गिरा था रैंक

रैना ने याचिका में कहा था कि 3 सवालों के आंसर गलत होने के कारण उनके रैंक गिर गया था. याचिका में दावा किया गयाथा कि एटीए ने एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों के स्पष्ट प्रमाणों के बावजूद प्रश्न क्रमांक 136 (कोड 47) सहित कई प्रश्नों के गलत उत्तरों को सही नहीं किया. इससे याचिकाकर्ता को 5 अंकों का नुकसान हुआ है. दायर याचिका में तत्काल आंसर की सुधारने, नए सिरे से रिजल्ट जारी करने और आगामी काउंसिलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

एनटीए ने तीन जून को प्रोविजनल आंसर की किया था जारी

एनसीईआरटी की कक्षा 11 की जीव विज्ञान पाठ्यक्रम के पृष्ठ 245 पर स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि एडीनल कॉर्टिकल हार्मोन्स ह्रदय गति को नियंत्रित करते हैं, इसके बावजूद एनटीए ने इस सबूत को नजरअंदाज कर दिया. बता दें कि एनटीए ने तीन जून को प्रोविजनल आंसर की जारी किया था. उसमें शिवम गांधी रैना को Q-52, Q-136 और Q- 140 के जवाब गलत लगा. जिसके बाद उसने चार जून को एनसीईआरटी की किताबों के आधार पर आपत्ति दर्ज की, लेकिन 14 जून को जब फाइनल आंसर की आई, तब भी Q-136 का जवाब नहीं बदला गया. इस वजह से गांधी के 5 नंबर कट गए.

जांच के आदेश देने की मांग की गई

याचिकाकर्ता छात्र का कहना है कि अगर उसे ये पांच अंक मिल जाते तो उसके रैंक बहुत अच्छा होता और अच्छा मेडिकल कॉलेज मिल जाता. इसलिए इसके जांच के आदेश देने की मांग की गई है.

-भारत एक्सप्रेस 



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