
सुप्रीम कोर्ट में पहली बार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के बाद अब पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी आरक्षण मिलेगा. सीजेआई बीआर गवई ने पहले के फैसले में संशोधन किया है. यह आरक्षण नीति सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों की सीधी भर्ती और पदोन्नति में आरक्षण नीति लागू की गई है. इसके अलावे शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को भी आरक्षण दिया जाएगा.
सीजेआई द्वारा नई अधिसूचना की गई जारी
सीजेआई द्वारा 24 जून को पहली अधिसूचना जारी किया गया था. लेकिन अब नई अधिसूचना जारी की गई है. यह संशोधन सुप्रीम कोर्ट सेवा की शर्तें और आचरण नियम 1961 में किया गया है. सीजेआई ने संविधान के अनुच्छेद 146 (2) के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल कर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ निजी सहायक, सहायक लाइब्रेरियन, जूनियर कोर्ट सहायक, जूनियर कोर्ट सहायक सह जूनियर प्रोग्रामर, जूनियर कोर्ट अटेंडेंट व चैंबर अटेंडेंट (आर) पदों के लिए आरक्षण लागू किया है.
कोर्ट ने आरक्षण का लाभ देने के लिए 200 पॉइंट रोस्टर प्रणाली की लागू
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों और कर्मचारियों की सीधी भर्ती में एससी-एसटी समुदाय के लोगों को आरक्षण का लाभ देने के लिए 200 पॉइंट रोस्टर प्रणाली लागू की है. केंद्र सरकार ने सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने के लिए 2 जुलाई 1997 को आदेश जारी किया था.
3 जुलाई को संशोधित अधिसूचना की गई जारी
बता दें कि सीजेआई गवई ने हाल ही में कहा था कि सभी सरकारी संस्थाओं और कई हाई कोर्ट में पहले से ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है कि, तो सुप्रीम कोर्ट को इससे अलग क्यों रखा जाए. 24 जून को इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था. जिसके बाद 3 जुलाई को संशोधित अधिसूचना जारी की गई है.
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