
सुप्रीम कोर्ट. (फोटो: IANS)

बिहार के एक बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में कार्यवाही फिर से शुरू करने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह आदेश दिया है.
अधिकारियों पर कथित तौर पर ग्राहकों द्वारा ऋण के लिए गिरवी रखे गए सोने के आभूषण वापस नही करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें बैंक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द कर दिया गया था.
हाई कोर्ट ने नवंबर 2024 में अधिकारियों की याचिका को स्वीकार कर लिया था और सितंबर 2023 में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के निष्कर्षों पर गौर किया, जो गुण-दोष पर आधारित थे, जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता ने बैंक से ऋण प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया गलत इरादे से की थी.
दरअसल शिकायतकर्ता एक व्यवसायी बताया गया है, जिसने जुलाई 2020 में 254 ग्राम 22 कैरेट सोने के आभूषणों को सुरक्षा के रूप में गिरवी रखकर बैंक से 770000 रुपये ऋण लिया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने मार्च 2023 में ब्याज सहित राशि चुका दी, लेकिन उसके बावजूद बैंक ने उनके द्वारा गिरवी रखे गए सोने का पुनर्मूल्यांकन किया और शुल्क के रूप में 1500 रुपये काट लिए. उन्होंने दावा किया गया गिरवी रखे गए सोने को वापस करने के उनके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया गया.
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-भारत एक्सप्रेस
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