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एनएचएआई याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा मदुरै-तूतीकोरिन हाईवे पर टोल टैक्स वसूली रोकने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई. एनएचएआई की याचिका पर जवाब मांगा गया है, अगली सुनवाई तक टोल वसूली जारी रहेगी.

Supreme Court
Edited by Akansha

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दिया है. मद्रास हाईकोर्ट ने ने मदुरै -तूतीकोरिन हाईवे पर टोल टैक्स वसूली पर रोक लगा दिया था. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने यह आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने एनएचएआई की ओर से दायर याचिका पर संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

मामले की सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की. जबकि विपक्ष की ओर से पेश वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि खराब सड़क पर टोल वसूली दिनदहाड़े डकैती है. उन्होंने कहा कि सड़क की हालत संतोषजनक नहीं है और लोगों से टोल टैक्स भरते है, लेकिन सड़क का लाभ नहीं उठा पाते हैं.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट में दायर याचिका में टोल टैक्स वसूली पर रोक लगाने की मांग नहीं कि गई है. विल्सन ने यह भी कहा कि अन्य मामलों में एनएचएआई ने सड़क की मरम्मत करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक काम नहीं हुआ. एनएचएआई ने दायर याचिका में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है. मद्रास हाई कोर्ट ने मदुरै-तूतीकोरिन हाइवे (एनएच 38) पर टोल टैक्स वसूली पर रोक लगा रखा है. जिसके खिलाफ एनएचएआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

मद्रास हाईकोर्ट ने तूतीकोरिन के सेवानिवृत्त टेंगेडको कर्मचारी वी बालकृष्णन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि सड़क का ठेका 2006 में मधुकॉन प्रोजेक्टस लिमिटेड के मदुरै-तूतीकोरिन हाइवे लिमिटेड (एमटीईएल) को दिया गया था और सड़क का इस्तेमाल 2011 से शुरू हुआ था. बालकृष्णन ने याचिका में आरोप लगाया था कि परियोजना की अनुमानित लागत 920 करोड़ रुपये थी, लेकिन कंपनी को सड़क के किनारे और मध्य भाग पर पौधरोपण का काम पूरा किए बिना ही लगभग 932.44 करोड़ रुपये मिल गए.

उन्होंने कहा कि कंपनी ने इस खंड में दो टोल प्लाजा पर जनता से शुल्क वसूला, लेकिन सड़क को मेंटेन करने में विफल रही. जिसके चलते सड़क कई हिस्सों पर गाड़ी नही चल सकती है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एनएचएआई पर यह बाध्यता है कि वह राष्ट्रीय राजमार्ग का उचित रख रखाव करें. उसके बाद ही हाइवे इस्तेमाल करने वालों से टोल टैक्स वसूले. लेकिन यहां हाइवे की खराब स्थिति के बावजूद लगातार टोल टैक्स वसूला जा रहा था.

-भारत एक्सप्रेस 



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