Health Tips: एक तरफ जहां मानसून ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी है, वहीं कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों से डेंगू के बढ़े हुए मामले सामने आए हैं. डॉक्टरों ने सावधानी बरतने की सलाह देते हुए लोगों को समय रहते इसका पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है.
डेंगू एक वेक्टर जनित बीमारी है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती है। मच्छर गर्म और नम वातावरण में पनपते हैं और इस बीमारी को जन्म देते हैं. इस बीमारी का प्रकोप 100 से ज्यादा देशों में देखा जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चों में पिछले सालों की तुलना में अलग-अलग तरह के डेंगू बुखार होने का जोखिम ज्यादा है.
पारंपरिक रूप से बुखार की बीमारी थोड़े समय के लिए होती है. इसमें उल्टी और पेट में दर्द, भूख में कमी और मांसपेशियों में दर्द होता है, लेकिन इस मौसम में असामान्य ऊपरी श्वसन संक्रमण और गैस्ट्रोएंटेराइटिस वाले बच्चे भी डेंगू पॉजिटिव होते हैं. बता दें कर्नाटक में डेंगू के 5.374 मामले सामने आए हैं. इनमें से पांच की मौत हुई है. वहीं तेलंगाना में 882, ओडिशा में 288, केरल के एर्नाकुलम में 400 मामले और आंध्र प्रदेश में डेंगू और मलेरिया दोनों के ही मामले सामने आए हैं.
तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और दाने जैसे लक्षण डेंगू के शुरुआती संकेत हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि डेंगू बुखार आमतौर पर सभी को होता है और इसका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा वैसे तो यह मुख्य रूप से खुद ही ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार यह भयानक रूप ले लेता है, जिसे डेंगू रक्तस्रावी (hemorrhagic) बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है. लगातार उल्टी, पेट में दर्द, म्यूकोसल रक्तस्राव (bleeding) और रक्त संचार विफलता के लक्षण डेंगू के अधिक गंभीर मामले का संकेत हो सकते हैं.
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डॉक्टरों के अनुसार, ‘प्रारंभिक निदान से इन लक्षणों को कम करने के लिए समय पर दवाइयां दी जा सकती है, इससे रोगी को आराम मिलता है.’ उनके मुताबिक, “शुरुआत में इसके पता चलने से न केवल रोगी को लाभ होता है, बल्कि यह डेंगू वायरस को दूसरों में फैलने से रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बीमारी के दौरान संक्रमित व्यक्तियों की पहचान और उन्हें अलग-थलग करने से वायरस को रोकने में मदद मिल सकती है. इससे इसे अन्य लोगों में फैलने से रोका जा सकता है.’
डॉक्टरों ने बुखार, उल्टी और दस्त के कारण हुई पानी की कमी को दूर करने के लिए पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी है. विशेषज्ञों ने लोगों को सुरक्षात्मक सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि जल जमाव से बचें, यहां मच्छर पनप सकते हैं. इसके अलावा मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करें, साथ ही अपने शरीर को अच्छे से ढक कर रखें.
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