लाइफस्टाइल

हड्डियों के दर्द से हैं परेशान तो इन फूलों के पत्ते आजमा के देखिए, मिलेगी राहत

Benefits of Parijat Flowers :आजकल की लाइफस्टाइल में कुछ भी खा लेने की आजादी शरीर में न्यूट्रिशन की कमी पैदा कर देती है. ये कमी कम उम्र के लोगों को ज्यादा हो रही है. इसका कारण है अनहेल्दी फूड. जिसमें कैल्शियम, विटामिन डी और जरूरी मिनरल्स की कमी होती है. ऐसे में हड्डियों से जुड़ी बीमारियां घेरने लगती है. हड्डियों के जोड़ों में कट-कट की आवाज काफी सारे लोगों के शरीर में होती है. लेकिन इस हल्के में ना लें कई बार कट-कट की आवाज की वजह हड्डियों की गंभीर बीमारी भी हो सकती है.

लेकिन क्या आप जानते है एक ऐसा भी फूल हैं जिससे इम्यून सिस्टम को मजबूती देने में मदद मिलता हैं.  हम बात कर रहे हैं परिजात फूल कि जो विशेषकर भारत, नेपाल, बांग्लादेश, थाइलैंड, और इंडोनेशिया में पाए जाते हैं. इस पौधे का वैज्ञानिक नाम “Nyctanthes arbor-tristis” है, और यह आमतौर पर “परिजात” या “हरसिंगार” के नाम से जाना जाता है. इसके फूल देखने में जितना आकर्षक और सुगंधित होते हैं. इसकी पत्तियां खाने में उतनी ही फायदेमंद होती है. तो आइए जानते है आखिर क्या हैं इसके फायदे.

क्या हैं इन फूलों के पत्तों के फायदे

परिजात के फूल का चाय या काढ़ा सर्दी और जुकाम के लिए  बहुत उपयोगी होता है. इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूती देने में मदद कर सकते हैं.

पाचन में सुधार

परिजात का फूल आयुर्वेदिक चिकित्सा में अपनी पाचन सुधारने वाली गुणों के लिए प्रसिद्ध है. परिजात के फूल में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, और विभिन्न पोषण तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मदद करते हैं.परिजात के फूल के पत्तों का सेवन पाचन को सुधारने में मदद करता है और अपच को कम कर सकता है.

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सूजन को करें कम

परिजात के फूल से बनाया गया तेल गठिया और अर्थराइटिस जैसे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.परिजात के फूल में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स इसके गुणकारी प्रभावों के लिए जाने जाते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम कर सकते हैं और सूजन को कम करता है.

शांती को बढ़ावा देने में करता है मदद

परिजात के फूल का सुगंधित अरोमा मानसिक तनाव को कम करने और आंतरिक शांति को बढ़ावा देने में मदद करता है. इसके फूल का सुगंधित अरोमा और आंतरिक शांति प्रदान करने की क्षमता से जाने जाते हैं. यह अरोमाथेरपी और आयुर्वेद में स्थान पाने वाला एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है.

-भारत एक्सप्रेस 

Akansha

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