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दिगम्बर हरिवंश गिरि ने 12 वर्षों तक हाथ ऊपर रखने का लिया संकल्प, महाकुंभ में दर्ज कराई विशेष उपस्थिति

महाकुंभ की तैयारियां तेज हो गई हैं तो वहीं कई तरह संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो चुका है तो वहीं दिगम्बर हरिवंश गिरि पहुंचे हैं जिन्होंने पिछले 5 साल से ऊपर उठाकर रखा है.

Digamber Hariwansh Giri

संत दिगम्बर हरिवंश गिरि

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के आयोजन की तैयारी तेजी से जारी है, और प्रयागराज में पर्यटकों और साधू-संतों का आना लगातार जारी है. इसके लिए सरकार की ओर से सभी स्तरों पर इंतजाम किए गए हैं. दिगम्बर हरिवंश गिरि भी प्रयागराज पहुंचे, जिन्होंने पिछले 5 वर्षों से अपना हाथ ऊपर उठाकर रखा है और कुल 12 वर्षों तक इसे इस स्थिति में बनाए रखने का संकल्प लिया है.

दिगम्बर हरिवंश गिरि का संकल्प और आशाएं

महाकुंभ के लिए प्रयागराज पहुंचने पर दिगम्बर हरिवंश गिरि ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “मैंने पिछले 5 सालों से अपना हाथ ऊपर रखा है. मैंने इसे 12 साल तक ऐसे ही रखने का संकल्प लिया है. हम आशा करते हैं कि देश का विकास हो, देश उन्नति करें. मैं हर बार कुंभ में आता हूं. इस बार की व्यवस्था बहुत अच्छी है.”

कुंभ की औपचारिक शुरुआत और अखाड़ों की पेशवाई

इस समय प्रयागराज में महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है, जिसमें अखाड़ों द्वारा भव्य पेशवाई निकाली जा रही है. इस दौरान छावनी प्रवेश के साथ ही अखाड़ों की गतिविधियाँ प्रारंभ हो जाती हैं. बीते शनिवार को निरंजनी अखाड़े की छावनी यात्रा भी पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ निकाली गई.

निरंजनी अखाड़े की छावनी यात्रा में हाथी-घोड़े और बाजे-गाजे के साथ श्रद्धालुओं ने रास्ते भर इनका स्वागत किया. यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा भी की गई और अखाड़े के नागा संत शरीर पर भभूत धारण किए हुए, अस्त्र-शस्त्र लहराते हुए सबसे आगे चल रहे थे. ये नागा संत हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर सनातन की पताका लहराते हुए यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे. पेशवाई के दौरान निरंजनी अखाड़े के आराध्य भगवान कार्तिकेय की पालकी सबसे आगे थी.


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-भारत एक्सप्रेस



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