
धर्म संसद में पारित किए गए कई प्रमुख प्रस्ताव.
प्रयागराज महाकुंभ के दौरान आयोजित धर्म संसद में आज हजारों साधु-संतों ने एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे. इस धर्म संसद में खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सनातन बोर्ड बनाने की मांग की गई, जिससे भारतीय मंदिरों और उनकी संपत्तियों के संरक्षण के लिए एक स्वतंत्र निकाय का गठन हो सके. यह प्रस्ताव साधु-संतों ने पूजा स्थलों पर सरकारी नियंत्रण खत्म करने और पूजा पद्धतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया है.
#WATCH | Prayagraj, UP | At Sanatana Dharma Sansad in Maha Kumbh, Spiritual leader Devkinandan Thakur says, “We have prepared a proposal for the Sanatani Hindu Board Act, and all religious leaders present here have agreed to it… We will send this Constitution to the Government… pic.twitter.com/ypXRFBJDQx
— ANI (@ANI) January 27, 2025
वर्शिप एक्ट को खत्म करने की अपील
धर्म संसद में जगद्गुरु विद्या भास्कर ने प्रधानमंत्री मोदी से वर्शिप एक्ट को संसद से हटाने की मांग की. उनका कहना था कि इस एक्ट ने हिंदू धर्म को अपमानित किया है और यह हमारे धार्मिक अधिकारों के खिलाफ है. इसके साथ ही वे सरकार से एक मांगपत्र भी भेजने की योजना बना रहे हैं. इस मुद्दे पर भी नारे लगाए गए, जैसे “संभल, मथुरा, विश्वनाथ, तीनों लेंगे एक साथ”, जो हिंदू समाज की एकता की अपील करते हैं.
मंदिरों में गोशाला और शिक्षा का प्रस्ताव
धर्म संसद में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह था कि देश के सभी प्रमुख मंदिरों में गोशाला स्थापित की जाए और मंदिरों के पैसों से गुरुकुल तथा औषधालय चलाए जाएं. देवकीनंदन ठाकुर ने इस मुद्दे को उठाया और यह भी कहा कि भगवान को क्या भोग चढ़ेगा, इसका निर्णय प्रशासन नहीं, बल्कि भक्तों और मंदिर प्रबंधन को करना चाहिए.
धर्मांतरण और परिवारों की सहायता
धर्म संसद ने धर्मांतरण रोकने के लिए भी प्रस्ताव रखा. खासकर गरीब हिंदू परिवारों को आर्थिक सहायता देने की आवश्यकता बताई गई, ताकि वे धर्मांतरण के दबाव से बच सकें. इसके अलावा सनातन धर्म के अंतर्गत विवाह को बढ़ावा देने की बात भी उठाई गई, जिससे समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक एकता बनी रहे.
#WATCH | Prayagraj, UP | Spiritual leader Devkinandan Thakur says, “We passed a proposal in which one thing is certain that we want a ‘Sanatan Dharm Sansad’. The by-laws, committee and its structure, everything is with the media. We have all signed on it and will send it to the… pic.twitter.com/vT6LBvvbVw
— ANI (@ANI) January 27, 2025
मुस्लिमों के वक्फ बोर्ड पर आपत्ति
देवकीनंदन ठाकुर ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू धर्म के प्रति भेदभाव का हवाला देते हुए कहा कि भारत में वक्फ बोर्ड का क्या काम है? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वक्फ बोर्ड भारत की संपत्ति को अपना मानने लगे तो हिंदू समाज की स्थिति खतरनाक हो सकती है.
सनातन बोर्ड की आवश्यकता
धर्म संसद के दौरान यह भी प्रस्ताव आया कि एक सनातन बोर्ड की स्थापना की जाए जो देशभर के मंदिरों की पूजा पद्धतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. इस बोर्ड का उद्देश्य यह होगा कि मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति पूरी धार्मिक समझ और ज्ञान के साथ की जाए, ताकि पूजा विधि में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो.
साधु-संतों की एकजुटता
इस धर्म संसद में करीब 5,000 साधु-संतों और भक्तों की उपस्थिति थी. देवकीनंदन ठाकुर, जगद्गुरु श्रीजी महाराज, महंत राजू दास, साध्वी प्राची, और अन्य प्रमुख संतों ने इस आयोजन को संबोधित किया और सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया.
धर्म संसद का यह आयोजन सनातन धर्म की सांस्कृतिक धारा को मजबूत करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है और इसके प्रस्ताव समाज में गहरी चर्चाओं का कारण बने हुए हैं.
- भारत एक्सप्रेस
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