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फिजूलखर्ची से परे सादगी और दान का उदाहरण है जीत अदाणी की शादी

जीत अदाणी की शादी हकीकत में परंपरा और आनंद का एक रमणीय मिश्रण थी. यह शादी उन कई दिनों तक चलने वाली शादियों से अलग थी. शादी में शानदार प्रदर्शनों के लिए मंच के बजाय परिवार, रीति-रिवाजों और दो आत्माओं के आध्यात्मिक मिलन पर जोर दिया गया.

February 8, 2025

एक वरिष्ठ संपादक होने के नाते मैंने अनगिनत महंगी भारतीय शादियों को देखा और कवर भी किया है, जिनमें से हर एक शादी भव्यता से भरपूर और सरासर फिजूलखर्ची में एक-दूसरे से आगे निकल जाती हैं. 7 फरवरी, 2025 को हुई जीत अदाणी की शादी एक ताजी हवा के झोंके की तरह थी. देश के सबसे अमीर अरबपतियों के एक खास क्लब में अक्सर ज्यादा खर्च और धूमधाम पर ध्यान दिया जाता है, वहीं अदाणी की शादी सादगीपूर्ण सुंदरता का एक उदाहरण थी. इस शादी ने दर्शाया कि सच्ची भव्यता दिखावे के बजाय मूल्यों पर आधारित होती है.

एक पारंपरिक उत्सव

जीत अदाणी की शादी हकीकत में परंपरा और आनंद का एक रमणीय मिश्रण था. इस शादी में अतिवाद के बिना भारतीय संस्कृति का सार समाहित था. यह शादी कई दिनों तक चलने वाली शादियों से अलग थी. समारोह ने अपने गहन महत्व को बनाए रखा. जिसमें शानदार प्रदर्शनों के लिए मंच के बजाय परिवार, रीति-रिवाजों और दो आत्माओं के आध्यात्मिक मिलन पर जोर दिया गया.

इस शादी में सजावट पर करीब ₹50 लाख  (लगभग $60,000) खर्च हुए जबकि किसी हाई-प्रोफाइल भारतीय शादियों में ये बजट करीब ₹50 से 100 करोड़ ($6-12 मिलियन) होता है. हाल के दिनों में सेलिब्रिटी शादियों में आम तौर पर 1,000 से अधिक लोग शामिल होते रहे हैं और इसकी आदत भी बन गई है. लेकिन जीत अडानी की शादी में केवल 200 करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को आमंत्रित किया  गया, इस कारण समारोह में सादगी और घनिष्ठता का बेहतर माहौल बना.

‘बिग फैट इंडियन वेडिंग’ का एक ताजा विकल्प

जीत अदाणी की शादी ने भारतीय शादियों को फिर से परिभाषित किया. जो शादियां पहले बड़े महलों, देश विदेशों से बुलाए गए कलाकारों द्वारा मनोरंजन के कार्य्रक्रम और मिलियन डॉलर के बजट से जुड़ी रहती थीं लेकिन इस शादी ने अपनी भव्यता के लिए सुर्खियां बनाने से ज्यादा एक छाप छोड़ने की मिसाल पेश की. इस शादी को प्रभावित करने के बजाय, प्रेरित करने की ओर प्राथमिकता दी गई.

ऐसे समय में जब फिजूलखर्ची अक्सर शादी की पवित्रता पर हावी हो जाती है, इस उत्सव ने दर्शाया कि कम से कम में भी ज्यादा अच्छा आयोजन किया जा सकता है. इस शादी ने फिर से इस बात अहसास दिलाया कि प्यार, परिवार और रस्में ज्यादा जरूरी हैं.अदाणी परिवार ने दिखावे से ज्यादा उद्देश्य को महत्व दिया.

समाज को वापस लौटाने का एक नेक संदेश

इस शादी का सबसे खूबसूरत पहलू सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता थी. अदाणी परिवार ने हर साल भारत में 100 दृष्टिहीन लड़कियों की शादी के लिए ₹10 करोड़ ($1.2 मिलियन)  खर्च कर शादी का पूरा खर्चा उठाने की  योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत उन लड़कियों के भविष्य  के लिए भी आर्थिक मदद का प्रावधान है.

यह संकेत दान-पुण्य से कहीं बढ़कर था. यह दिल को छू लेने वाला संदेश था. ऐसे समय में जब कई लोग फिजूलखर्ची से भरी शादियों  पर सवाल उठा रहे हैं, तो जीत अदाणी की शादी उद्देश्यपूर्ण उत्सव का एक उदाहरण पेश करती है.  दिखावे से अधिक आदर्शों, फिजूलखर्ची से ज्यादा परंपरा और भव्यता से ज्यादा उदारता को प्राथमिकता देकर, अदाणी की इस शादी ने यह संदेश दिया कि सादगी से शालीनता और उद्देश्य में कमी नहीं होती है. आशा है कि यह आयोजन अनेक लोगों को भी इसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगा.

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