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गीता मेहता: प्रख्यात लेखिका का गौरवशाली जीवन और उनकी साहित्यिक विरासत

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की बेटी गीता का जन्म 1943 में बीजू और ज्ञान पटनायक के घर हुआ था. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की थी.

September 17, 2023

गीता मेहता का निधन

सुप्रसिद्ध लेखिका, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता व विश्वविख्यात पत्रकार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन गीता मेहता का लंबी बीमारी के बाद शनिवार (16 सितंबर) को नई दिल्ली में निधन हो गया. ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की बेटी गीता का जन्म 1943 में बीजू और ज्ञान पटनायक के घर में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की. इसके अलावा, उन्होंने वर्ष 2000 के बाद से ओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नवीन पटनायक के साथ पारिवारिक रिश्तों से इतर भाई का रिश्ता कायम किया. उनकी शैक्षिक यात्रा भारत के तमाम शैक्षणिक संस्थानों से होते हुए यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में समाप्त हुई.

पांच दशक के लंबे और शानदार करियर में गीता मेहता ने लेखक, पत्रकार और फिल्म निर्माता के रूप में अपनी अहम भूमिकाएं निभाईं. गीता मेहता ने कई किताबें लिखी थीं जिनमें कर्मा कोला (1979), स्नेक एंड लैडर्स, ए रिवर सूत्रा, राज और द इटरनल गणेशा और गलिम्प्स ऑफ मॉडर्न इंडिया (1997) शामिल हैं. इन रचनाओं ने भाषाई सरहदों को तोड़ते हुए वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ी.

अपनी साहित्यिक गतिविधियों से परे, उन्होंने यूनाइटेड किंगडम, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका की तमाम स्क्रीनों की शोभा बढ़ाते हुए चौदह टेलीविजन डॉक्यूमेंट्री की एक सिम्फनी का आयोजन किया. ये डॉक्यूमेंट्री धर्म, कला, राजनीति और पर्यावरण से जुड़े विविध विषयों पर आधारित थीं. गीता मेहता की दृढ़ भावना ने उन्हें 1971 के महत्वपूर्ण भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान प्रतिष्ठित अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क, एनबीसी के लिए एक युद्ध संवाददाता के रूप में काम करने का मौका दिया. ये एक ऐसी घटना थी जो बांग्लादेश के जन्म का कारण बनी. गीता मेहता के सिनेमाई कालक्रम की बात करें तो “डेटलाइन बांग्लादेश” ने अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को पार कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

अमेरिकी प्रकाशक सन्नी मेहता से हुआ था गीता का विवाह

गीता मेहता का विवाह प्रसिद्ध अमेरिकी प्रकाशक सन्नी मेहता से हुआ था. जिनकी दिसंबर 2019 में मृत्यु हो गई थी.  वो अल्फ्रेड ए. नोपफ पब्लिशिंग हाउस के पूर्व प्रमुख थे. गीता मेहता और सन्नी मेहता का एक बेटा है जिसका नाम आदित्य सिंह मेहता है.

गीता मेहता न केवल अपने साहित्यिक कौशल के लिए बल्कि विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्पष्टवादी दृष्टिकोण के लिए भी लोगों के बीच जानी जाती थीं. इसके अलावा उनका सैद्धांतिक रुख तब सामने आया जब उन्होंने साहित्य और शिक्षा में उनके असाधारण योगदान के लिए 2019 में भाजपा सरकार द्वारा दिए गए भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार को विनम्रतापूर्वक लेने से मना कर दिया. उन्होंने इसको लेकर कहा कि अगर वे इस पुरस्कार को लेती हैं तो लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा कि चुनाव के चलते उन्हें ये पुरस्कार दिया गया है. जिससे लोगों में गलत धारणा बनेगी.

अपने भाई, नवीन पटनायक के साथ उनका घनिष्ठ संबंध पारिवारिक संबंधों से परे था, उन्होंने ओडिशा में नवीन पटनायक के कुशल शासन नेतृत्व और राज्य के परिवर्तनकारी प्रयासों को लेकर सराहना भी की.

गीता के निधन से चारों ओर शोक की लहर

गीता मेहता के निधन को लेकर हर तरफ से शोक की लहर उठ रही है. विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गीता मेहता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके बौद्धिक कौशल, शब्दों के प्रति जुनून और सिनेमाई कलात्मकता और बहुमुखी व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित की. ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, ओडिशा के मंत्रियों, भाजपा नेता बैजयंत पांडा और कांग्रेस नेता नरसिंह मिश्रा सहित प्रतिष्ठित हस्तियों ने उनको अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की.

गीता मेहता का अंतिम संस्कार रविवार (17 सितंबर) को दिल्ली में होगा. जहां उनका परिवार उन्हें अंतिम विदाई देगा. गीता मेहता अपने पीछे प्रतिभा, साहस और दूरदर्शिता से सजी एक विरासत छोड़ गई हैं. एक ऐसी विरासत जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगी, जो उनके योगदान की चमक के साथ भारत की सांस्कृतिक और साहित्य को सुशोभित करती रहेगी.

-भारत एक्सप्रेस

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