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Aaj Ka Panchang 06 May 2025: वैशाख माह शुक्ल पक्ष नवमी तिथि, शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 06 May 2025: वैशाख शुक्ल नवमी, मघा नक्षत्र, ध्रुव योग. अभिजीत मुहूर्त 11:44-12:36, राहुकाल 15:24-17:01. चंद्रमा सिंह राशि में. जानें पंचांग के पांच अंग और शुभ-अशुभ समय.

Aaj Ka Panchang 17 May 2025
Edited by Akansha

Aaj Ka Panchang 06 May 2025: 06 मई 2025 को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि होगी. इस दिन मघा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग रहेगा. शुभ मुहूर्त की बात करें तो मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:36 तक रहेगा. राहुकाल दोपहर 15:24 से शाम 17:01 तक रहेगा. चंद्रमा सिंह राशि में विचरण करेंगे.

हिंदू पंचांग, जिसे वैदिक पंचांग भी कहते हैं, समय और काल की सटीक गणना का साधन है. यह पांच अंगों – तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण – से मिलकर बनता है. इस दैनिक पंचांग में हम आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, हिंदू मास, पक्ष आदि की जानकारी प्रदान करते हैं.

06 मई 2025 को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि सुबह 08:40 तक रहेगी। इस दिन मघा नक्षत्र दोपहर 15:51 तक और ध्रुव योग रात 24:27 तक रहेगा। प्रथम करण कौलव सुबह 08:40 तक और द्वितीय करण तैतिल रात 21:29 तक रहेगा। मंगलवार को सूर्योदय सुबह 05:43 बजे और सूर्यास्त शाम 18:38 बजे होगा। चंद्रमा सिंह राशि में संचरण करेगा। राहुकाल दोपहर 15:24 से शाम 17:01 तक रहेगा। शुभ मुहूर्त अभिजीत सुबह 11:44 से दोपहर 12:36 तक रहेगा। विक्रमी संवत 2082 और शक संवत 1947 (विश्वावसु) है। यह पंचांग वैशाख मास के लिए समय और काल की सटीक जानकारी प्रदान करता है।

पंचांग के पांच अंग:

तिथि:

हिंदू काल गणना के अनुसार, चंद्रमा के सूर्य से 12 अंश आगे बढ़ने में लगने वाला समय तिथि कहलाता है. एक माह में 30 तिथियां होती हैं, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष में बंटी होती हैं. शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या होती है.

तिथियों के नाम: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा/अमावस्या.

नक्षत्र: आकाश में तारों का समूह नक्षत्र कहलाता है. कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनका स्वामित्व नौ ग्रहों के पास होता है. नक्षत्रों के नाम: अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती.

वार: वार का अर्थ है सप्ताह का दिन. सात वार ग्रहों के नाम पर हैं: सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार.

योग: सूर्य और चंद्रमा की विशेष दूरी से बनने वाली स्थिति को योग कहते हैं. कुल 27 योग होते हैं: विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र, वैधृति.

करण: एक तिथि में दो करण होते हैं – पहला तिथि के पूर्वार्ध में और दूसरा उत्तरार्ध में. कुल 11 करण हैं: बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किस्तुघ्न. विष्टि करण को भद्रा कहते हैं, जिसमें शुभ कार्य वर्जित हैं.

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-भारत एक्सप्रेस



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