Bharat Express

Chaitra Navratri 2023: अष्ट सिद्धियां और निधियां देने वाली हैं मां कूष्मांडा, इस मंत्र और विधि से करें मां को प्रसन्न

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने वालों पर यदि मां की कृपा हो जाए तो समस्त प्रकार के रोग और दोषों से मुक्ति मिल जाती है.

Chaitra Navratri 2023 Day 4: चैत्र नवरात्रि में अलग-अलग दिन की जाने वाली पूजा में आज चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. कहते हैं मां कूष्मांडा की मधुर और मोहक मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना हुई थी. नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने वालों पर यदि मां की कृपा हो जाए तो समस्त प्रकार के रोग और दोषों से मुक्ति मिल जाती है. अष्ट सिद्धियां और निधियां प्राप्त करने के लिए भी लोग मां कूष्मांडा की पूजा करते हैं. ऐसे में नवरात्रि के चौथे दिन के शुभ मुहूर्त और मां को प्रसन्न करने की विधि जानना बहुत जरूरी है.

इस मुहूर्त में करें मां कूष्मांडा की पूजा

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 23 मार्च 2023 से हो चुकी है. जो कि 25 मार्च 2023, शनिवार के दिन शाम को 04:23 बजे तक रहेगी. आज 25 को सूर्योदय के बाद से लेकर सायंकाल 04:23 बजे से पहले पूजा के लिए उत्तम काल है.

इस विधि से पूजा करने पर मिलेगी मां कूष्मांडा की कृपा

नवरात्रि के चौथे दिन सुबह उठते हुए स्नान करने के बाद हरे रंग के कपड़े पहनें. मान्यता है कि इस दिन कुम्हड़े (कद्दू) की बलि देकर मां चढ़ाना चाहिए. पूजा करते समय माता को मेहंदी, हरी चूड़ी और चंदन चढ़ाएं. बात करें मां को चढ़ाए जाने वाले भोग कि तो मालपुआ देवी कूष्मांडा का प्रिय भोग है. घर में लंबे वक्त से किसी के बीमार रहने पर 108 बार माता कूष्मांडा के बीज मंत्र का  जाप करें. इसके अलावा देवी कवच का पाठ करने से मां समस्त विपदा हर लेती हैं. इस दिन मां की कथा सुनने से असाध्य रोग भी खत्म हो जाते हैं.

इस मंत्र से करें मां कूष्मांडा की पूजा

कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
ॐ कूष्माण्डायै नम: सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।

इसे भी पढ़ें: Chaitra Navratri: नवरात्रि पर हरिद्वार के प्रसिद्ध मां चंडी देवी के मुख्य पुजारी ने बताई पूजा से जुड़ी खास बातें, ये काम करने से मां होती है प्रसन्न, पूरी करती हैं मनोकामना

करें मां कूष्मांडा के स्तोत्र का पूरे मन से मनन

मां कूष्मांडा का ध्यान करते हुए इसे पढ़ें.

वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥

भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।

कमण्डलु, चाप, बाण, पदमसुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥

पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।

मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कांत कपोलां तुंग कुचाम्।

कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read